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43 डंपरों के चालान जब्त, दो लाख जुर्माना

विरोध में थम गये 400 डंपरों के पहिये कोयला नहीं पहुंचने से रैक लोडिंग प्रभावित हो गया पिपरवार : रांची जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा खलारी पुलिस के सहयोग से बुधवार को ओवर लोडिंग डंपरों के खिलाफ अभियान चलाया गया. इस दौरान ओवरलोड के आरोप में लगभग 50 डंपर पकड़े गये. इससे क्षेत्र में हड़कंप मच […]

विरोध में थम गये 400 डंपरों के पहिये
कोयला नहीं पहुंचने से रैक लोडिंग प्रभावित हो गया
पिपरवार : रांची जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा खलारी पुलिस के सहयोग से बुधवार को ओवर लोडिंग डंपरों के खिलाफ अभियान चलाया गया. इस दौरान ओवरलोड के आरोप में लगभग 50 डंपर पकड़े गये.
इससे क्षेत्र में हड़कंप मच गया. पुलिस के सहयोग से चलाये गये इस अभियान के दौरान पकड़े गये 43 डंपरों के चालान जब्त किये गये. अभियान के विरोध में पिपरवार क्षेत्र की अशोक व पिपरवार परियोजनाओं में चलनेवाले लगभग 400 डंपर जहां के तहां खड़े कर दिये गये. दोपहर बाद से पूरे क्षेत्र की कोयला ढुलाई ठप हो गयी. साइडिंगो में कोयला नहीं पहुंचने से रैक लोडिंग प्रभावित हो गया.
क्या कहते हैं डंपर चालक
जिन डंपरों के चालान जब्त किये गये, उनके चालकों का कहना था कि जब गाड़ी का चालान ही जब्त हो गया है तो गाड़ी कहां ले जायें. क्योंकि ऐसे में कहीं गाड़ी ले जाने पर पकड़ाने से भारी मुसीबत आ जायेगी. इसलिए गाड़ी खड़ी कर दिये हैं.
क्या कहता है प्रबंधन
प्रबंधन का कहना है कि संबंधित ट्रांसपोर्टरों को बार-बार सीसी (कैरिंग कैपेसिटी) पर तिरपाल ढक कर डंपरों के परिचालन को कहा गया था. लेकिन डंपर मालिकों द्वारा अनदेखी की जा रही है. ऐसे में डीटीओ द्वारा नियमानुसार गाड़ी पकड़ी जाती है तो इसमें प्रबंधन क्या कर सकता है.
क्या कहते हैं डंपर मालिक
डंपर मालिकों का कहना है कि हमें तो सीसी पर कोयला ढुलाई का भाड़ा मिलता है. लोडिंग करनेवाले कांट्रैक्टर की मशीन से जो लोड होता है, वही लेकर साइडिंग जाते हैं.
जुर्माना वसूलने के बाद छोड़ा गया डंपर: डीएसपी
औद्योगिक गतिविधियां थम जाने के बाद खलारी डीएसपी, पिपरवार प्रबंधन व एनके प्रबंधन की बैठक में इस समस्या का हल निकालने को लेकर बैठक हुई. खलारी डीएसपी पुरुषोत्तम कुमार सिंह ने बताया कि डीटीओ द्वारा लगभग 50 डंपरों के चालान जब्त किये गये थे.
करीब आधा दर्जन डंपर सही पाये गये, उन्हें छोड़ दिया गया है. अन्य डंपरों से लगभग दो लाख रुपये जुर्माना वसूलने के बाद शाम में छोड़ दिया गया. उन्होंने बताया कि कुछ डंपर मालिकों के नहीं पहुंचने के कारण उन्हें छोड़ा नहीं जा सका है.
वजन कराने की व्यवस्था नहीं : कांट्रैक्टर
इस संबंध में संबंधित कांट्रैक्टर का कहना है कि जब कोयला लदे डंपरों के वजन करने की कोई व्यवस्था ही नहीं है तो मशीन से अनुमान के आधार पर ही डंपरों में कोयला लोड दिया जाता है. उनका यह भी कहना है कि जब तक प्रबंधन द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार नहीं कर लिया जाता, तब तक यह परेशानी दूर होना मुश्किल है.

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