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बच्चों को मिलेगी किताबों की बोझ से राहत

खूंटी. सीबीएसइ से मान्यता प्राप्त स्कूलाें में पढ़नेवाले बच्चों की भारी-भरकम स्कूल बैग का वजन कम होगा. कक्षाएं भी कम होंगी. यह सब कक्षा वन से टू तक के लिए लागू होगा. यह आदेश सीबीएसइ ने 13 सितंबर को जारी किया है. अब संबंधित स्कूलों में यह आदेश कब से प्रभावी होगा यह स्कूल प्रबंधन […]

खूंटी. सीबीएसइ से मान्यता प्राप्त स्कूलाें में पढ़नेवाले बच्चों की भारी-भरकम स्कूल बैग का वजन कम होगा. कक्षाएं भी कम होंगी. यह सब कक्षा वन से टू तक के लिए लागू होगा. यह आदेश सीबीएसइ ने 13 सितंबर को जारी किया है. अब संबंधित स्कूलों में यह आदेश कब से प्रभावी होगा यह स्कूल प्रबंधन पर निर्भर है.
क्या है आदेश : संबंधित कक्षा के विद्यार्थियों की किताबों को स्कूल में ही रखने की व्यवस्था होगी. यह व्यवस्था खुद स्कूल प्रबंधन को करनी है. इसके अलावा कक्षाएं आठ की जगह घटा कर तीन या चार घंटी होगी. जिससे बच्चों के स्कूल बैग का वजन कम हो जायेगा.
पढ़ाई की घंटी कम होने की वजह से बच्चों को किताबें भी कम ले जाना पड़ेगा.
चिल्ड्रेन बैग एक्ट का पालन नहीं : वर्ष 2006 में स्कूल बैग के बढ़ते वजन को रोकने के लिए चिल्ड्रेन बैग एक्ट बना था. एक्ट में कहा गया था कि बैग का वजन विद्यार्थी के वजन से मात्र दस फीसदी हो. एक्ट तो बन गया.पर इसका पालन नही हुआ.
वजनी बैग से बच्चों को होनेवाली हानि : फेफड़ों पर दबाव आने की वजह से स्वांस रोग हो सकता है.कमर, गरदन व पैर में दर्द सहित स्पाइन के झुकने की समस्या आती है.बड़ों की समस्या अब बच्चों को : डॉ सुनील खलखो के मुताबिक उक्त रोग पहले अधिक उम्र के लोगों को होता था. आज वजनी स्कूली बैग के कारण ये बीमारी बच्चों को हो रही है.

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