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खूंटी: पुलिस की चौकसी के बीच अड़की के 5 गांवों में हुई पत्थलगड़ी, CM, DC व SP कानून तोड़ कर घुस रहे हैं वर्जित क्षेत्र में

खूंटी : खूंटी के अड़की प्रखंड के हड़दलामा, तुबिल, पड़ासू, चलकद और मुचिया गांव में गुरुवार को विधिवत पूजा-अर्चना के बाद पत्थलगड़ी की गयी. मुचिया में आदिवासी महासभा के यूसुफ पूर्ति ने फीता काट कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया. यहां जन सभा का आयोजन भी किया गया था. इसमें रांची, खूंटी, चाईबासा व जमशेदपुर सहित […]

खूंटी : खूंटी के अड़की प्रखंड के हड़दलामा, तुबिल, पड़ासू, चलकद और मुचिया गांव में गुरुवार को विधिवत पूजा-अर्चना के बाद पत्थलगड़ी की गयी. मुचिया में आदिवासी महासभा के यूसुफ पूर्ति ने फीता काट कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया. यहां जन सभा का आयोजन भी किया गया था.

इसमें रांची, खूंटी, चाईबासा व जमशेदपुर सहित अन्य इलाकों से करीब तीन हजार लोग जुटे थे. ओड़िशा और छत्तीसगढ़ से भी कई लोग पहुंचे थे. जन सभा में वक्ताओं ने पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र में आदिवासियों के हक और अधिकार की बातें की. जल, जंगल और जमीन को बचाने के लिए एकजुट होने और ग्रामसभा को सशक्त बनाने की अपील की.

अपने अधिकारों को लेकर सरकार तक आवाज पहुंचाने के लिए जल्द ही रांची-टाटा मार्ग को कम से कम दो दिनों तक जाम करने की बात कही. तमाड़ और बुंडू में भी पत्थलगड़ी करने का प्रस्ताव रखा गया. सभा में बलराम समद, जुनास तिड़ू, सोमा मुंडा, बिरसा ओड़ेया सहित कई अन्य उपस्थित थे

सभा के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए यूसुफ पूर्ति ने कहा : आदिवासी अब अपने आप को बचाने के लिए एक हो रहे हैं. गांवों के नक्शे और खतियानों को सीज किया गया है. विस्थापित होने के खतरे को देखते हुए ग्रामसभा पत्थलगड़ी कर अपने अधिकारों की जानकारी दे रही है.

डीसी व एसपी संवैधानिक बातों को गलत बता रहे हैं और तरह-तरह के आरोप लगा रहे हैं. आदिवासियों और गैर आदिवासियों के बीच दरार पैदा हो रही है. दोनों एक साथ रहते आये हैं. हम अपनी जमीन की रक्षा के लिए कदम उठा रहे हैं. समाज में फैल रहे विद्वेष के लिए मुख्यमंत्री, डीसी और एसपी ही जिम्मेदार हैं. वे नियम- कानून तोड़ कर वर्जित क्षेत्र में घुस रहे हैं.

अफीम को लेकर गलत आरोप

उन्होंने कहा : हम बातचीत को तैयार हैं. लेकिन बातचीत तभी होगी, जब जेल में बंद आदिवासी महासभा के लोगों को रिहा किया जायेगा. अफीम की खेती को प्रश्रय देने के सवाल पर कहा : पत्थलगड़ी एक साल से हो रहा है. अफीम तो पहले से होता आ रहा है. हम पर गलत आरोप लगाया जा रहा है.

उन्होंने स्थानीय विधायक और सांसद के कैडरों पर भी अफीम की खेती करने का आरोप लगाया. क्षेत्र में पुलिस और सीआरपीएफ जवानों को घुसने नहीं दिये जाने के संबंध में उन्होंने कहा : वर्जित क्षेत्र में उन्हें काम करने का अधिकार नहीं है. इसके लिए हिज मजिस्ट्री प्रिवी काउंसिल से अनुमति लेनी है. वे राष्ट्रपति, गवर्नर या अटॉर्नी जनरल से आदेश लेकर आयें, हमें कोई आपत्ति नहीं है. हमलोग विकास विरोधी नहीं हैं, लेकिन पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र में ट्राइबल सबप्लान से विकास होना है. यह पैसा सीधे ग्राम को दें.

जब तक कैंप नहीं हटता, बच्चे स्कूल नहीं जायेंगे

मुरहू के केवाड़ गांव स्थित कैंप को हटाने की मांग को लेकर यूसुफ पूर्ति ने कहा : केवड़ा और बीरबांकी के स्कूल में पुलिस ठहरी है. इस कारण स्कूल जाने में बच्चों को परेशानी हो रही है. बीरबांकी में तीन साल से हाइस्कूल बंद है. बच्चों की पढ़ाई रुक गयी है. जब तक सीआरपीएफ और पुलिस कैंप नहीं हटता है, बच्चे स्कूल नहीं जायेंगे़

ग्रामीणों के हाथ में है संविधान

मुचिया के सभा में आये कई ग्रामीणों के हाथों में संविधान नजर आया़. कुछ युवक बैठ कर इसका अध्ययन भी कर रहे थे़

जल्द ही दो िदन जाम करेंगे रांची-टाटा मार्ग

तमाड़ और बुंडू में भी पत्थलगड़ी करने का प्रस्ताव

बातचीत के लिए तैयार, पर पहले जेल में बंद आदिवासी महासभा के लोगों को रिहा किया जाये

हम नहीं, विधायक और सांसद के कैडर करवा रहे अफीम की खेती

राष्ट्रपति, गवर्नर या अटॉर्नी जनरल से आदेश लेकर आयें, तभी जवानों को घुसने देंगे

इन गांवाें में हुई पत्थलगड़ी

अड़की प्रखंड के हड़दलामा, तुबिल, पड़ासू, चलकद और मुचिया गांव. मुचिया गांव में आयोजित किया गया था कार्यक्रम

केवड़ा कैंप के पास ग्रामीण कर रहे पत्थलगड़ी की तैयारी

खूंटी के मुरहू स्थित केवड़ा गांव में राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय में स्थापित पुलिस कैंप की सुरक्षा बढ़ायी जा रही है. ग्रामीणों ने कैंप हटाने की मांग पर मंगलवार को जवानों को घेर लिया था.

कैंप हटाने की डेडलाइन 15 मार्च तय की थी. अब कैंप की सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में सैफ, रैफ और सुरक्षा बल तैनात किये गये हैं. महिला बल को भी बुलाया गया है. कैंप को कंटीले तारों से घेरा जा रहा है. जिस स्कूल में कैंप है, वहां सामान्य रूप से स्कूल संचालित हो रहा है. बच्चे स्कूल आ रहे हैं, पर पुलिस बल को देख कर आशंकित हैं. ग्रामीणों ने पुलिस कैंप के समीप ही पत्थलगड़ी की तैयारी की है. हालांकि इसके लिए तिथि की घोषणा नहीं की गयी है.

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