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झारखंड : सरकार से कड़िया मुंडा का बड़ा सवाल, भाजपा नेताओं की हो रही है हत्या, दिसंबर में कैसे खत्म होगा नक्सलवाद?

रांची : झारखंड में लगातार बढ़ती नक्सली घटनाओं और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं की नक्सलियों द्वारा की जा रही हत्या के बीच कड़िया मुंडा ने अपनी ही सरकार से बड़ा सवाल पूछा है. वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा है कि राज्य में भाजपा नेताओं की हत्या हो रही है. नक्सली हमले थम नहीं रहे […]

रांची : झारखंड में लगातार बढ़ती नक्सली घटनाओं और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं की नक्सलियों द्वारा की जा रही हत्या के बीच कड़िया मुंडा ने अपनी ही सरकार से बड़ा सवाल पूछा है. वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा है कि राज्य में भाजपा नेताओं की हत्या हो रही है. नक्सली हमले थम नहीं रहे हैं. ऐसे में दिसंबर, 2017 में राज्य से नक्सलवाद का खात्मा कैसे होगा?

पिछले दिनों खूंटी जिला के मुरहू ब्लॉककेएसटी मोर्चा केउपाध्यक्ष भैया राम मुंडा की पीएलएफआई उग्रवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. भैया राम को श्रद्धांजलि देने के बाद पूर्व लोकसभा उपाध्यक्ष और वरिष्ठ भाजपा नेता ने राज्य सरकार और राज्य की पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाये.

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श्री मुंडा ने स्पेशल टास्क फोर्स के आईजी आरके धान, खूंटी के एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा और सीआरपीएफ के डीआईजी आरके रॉय की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किये. उन्होंने कहा, ‘यह पहला मौका नहीं है, जब नक्सली घटनाएं हुई हैं. महज दो महीने में 4 भाजपा नेताओं की खूंटी में हत्या हो चुकी है. यह सरकार और सरकारी तंत्र की कार्यशैली को उजागर करता है.’

कड़िया मुंडा ने नक्सलियों द्वारा भाजपा नेताओं की हत्या पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सबसे ज्यादा हत्या खूंटी जिले में हो रही है. सांसद ने कहा की जरूरी नहीं कि संगठन के लोग मारे जायें, तभी सरकार को गंभीर होना चाहिए. उन्होंने भाजपा नेताओं की हत्या के लिए सरकार को ही जिम्मेदार ठहराया है. मार्च, 2017 में भी खूंटी थाना इलाके में एक भाजपा नेता की बड़ी ही बेरहमी से नक्सलियों ने हत्या कर दी थी.

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कड़िया मुंडा ने कहा कि पुलिस कहती है कि जिले से माओवादियों और नक्सलियों का आतंक खत्म हो चुका है. खूंटी में जो कुछ हो रहा है, उससे ऐसा कतई नहीं लगता कि नक्सलियों का आतंक खत्म हो गया है. उन्होंने कहा कि सरकार की उदासीनता को देखकरयह कहना मुश्किल है कि 31 दिसंबर,2017 तक हत्याएं बढ़ेंगी या घटेंगी.

पहले भी कई बार अपनी ही सरकार के खिलाफ बयान देने वाले कड़िया मुंडा ने कहा कि सिर्फ बयानबाजी करके सुर्खियां बटोरने से कुछ हासिल नहीं होगा. नक्सली हमले में मरने वालों को मुआवजा देने भर से कुछ नहीं होगा. नक्सलवाद को मिटाने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.

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यहां बताना प्रासंगिक होगा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भैया राम के परिजनों को 3 लाख रुपये और नक्सली हमले में घायल होने वाले हर शख्स को 50,000-50,000 रुपये मुआवजा देने का एलान किया था. वहीं, भाजपा ने भैया राम के परिवार को 2 लाख रुपये अलग से देने की घोषणा की थी.

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