Jharkhand: झारखंड एटीएस ने संदिग्ध आतंकियों से चार दिनों तक लगातार पूछताछ की. सभी आतंकी प्रतिबंधित आतंकी संगठन हिज्ब उत-तहरीर के झारखंड मॉड्यूल से जुड़े हैं. जिन्हें धनबाद से गिरफ्तार किया गया है. चारों आतंकी धनबाद जिले के बैंक मोड़ थाना क्षेत्र के रहनेवाले हैं. आतंकियों को पूछताछ के बाद वापस न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. जानकारी के अनुसार, गिरफ्तार आतंकियों में शामिल अयान जावेद, मो शहजाद आलम, शबनम प्रवीण और फैयाज हुसैन ने एटीएस को पूछताछ में कई अहम जानकारियां दी हैं. एटीएस इसका सत्यापन कर रहा है.
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राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में थे संलिप्त
बताया गया कि एटीएस ने सभी चार संदिग्ध आतंकियों से अलग-अलग और एक साथ पूछताछ की. इस दौरान आतंकियों से संगठन से जुड़े प्रश्न पूछे गये. संदिग्धों ने एटीएस को संगठन के क्रियाकलापों के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि वो लोग सोशल मीडिया के माध्यम से युवाओं को संगठन से जुड़ने के लिये गुमराह कर रहे थे. साथ ही ये लोग राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में भी संलिप्त थे. हालांकि, इन गतिविधियों के पीछे किसी हमले की साजिश नहीं थी. संदिग्ध आतंकियों ने पूछताछ में जानकारी दी कि उनका काम केवल संगठन की विचारधारा को प्रचारित करना था.
संदिग्ध भूमिका वालों से होगी पूछताछ
इधर, एटीएस संदिग्ध आतंकियों से मिली जानकारी के सत्यापन में जुड़ गयी है. बताया जा रहा है कि एटीएस ने आतंकियों से छापेमारी के दौरान जब्त किये गये हथियारों के बारे में भी पूछताछ की. इस पर संदिग्धों ने कहा कि ये हथियार वो लोग भविष्य में इस्तेमाल करने के जमा कर रहे थे. साथ ही उनके पास से मिले संदिग्ध दस्तावेजों को लेकर कहा गया कि उन्हें ये दस्तावेज ऑनलाइन मिले थे. बहरहाल, संदिग्धों ने कहा कि संगठन की योजना झारखंड में किसी भी घटना को अंजाम देने की नहीं थी. एटीएस आरोपियों के बयान का सत्यापन कर रहा है. इसके बाद जांच में जिनकी भूमिका संदिग्ध मिलेगी, उनसे एटीएस पूछताछ करेगा.
एटीएस की गिरफ्त में है एक अन्य संदिग्ध
बता दें कि इस मामले में 26 अप्रैल को छापेमारी कर चारों संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद चारों आरोपियों को पूछताछ के लिये चार दिनों की रिमांड पर लिया गया था. इससे पहले संदिग्धों से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर एटीएस ने इंडियन मुजाहिद्दीन के एक पूर्व आतंकी अम्मार यासर को गिरफ्तार किया था. अम्मार वर्तमान में आतंकी संगठन हिज्ब उत-तहरीर से जुड़ा हुआ है.
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