जामताड़ा : जामताड़ा के करमाटांड़-नारायणपुर के इलाके साइबर बैंक ठगी के गढ़ बन चुके हैं. इन थाना क्षेत्रों के युवा साइबर अपराध के दलदल में धंसते चले जा रहे हैं.
इन दोनों थाना क्षेत्रों में साइबर क्राइम की पड़ताल के लिए दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, अंडमान-निकोबार, ओड़िशा, जम्मू कश्मीर समेत 22 राज्यों की पुलिस पहुंच चुकी है. आज देश का 80 प्रतिशत साइबर क्राइम इसी जिले से होता है. तमिलनाडु में 200 से अधिक पुलिसकर्मी भी इनके शिकार बन चुके हैं. इनकी पहुंच कश्मीर से कन्याकुमारी तक हो चुकी है. बड़े अपराधी छोटे साइबर अपराधियों को शरण देते हैं और उनसे अपना काम करवाते हैं.
हर दिन किसी न किसी राज्य व जिले की पुलिस यहां आरोपियों की खोज में आती है. करीब 50 से अधिक साइबर आरोपियों को विभिन्न प्रांतों की पुलिस गिरफ्तार कर अपने साथ ले जा चुकी है. इसके अलावा झारखंड पुलिस भी 100 से अधिक साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर चुकी है. कहां-कहां से चलता है धंधा : कालाझरिया, झिलुवा, कांसीटांड़, सियांटांड़, शीतलपुर, मोहनपुर, सिकरपुसनी सहित दर्जनों गांव. अब देवघर जिले का करौं, आसनबनी, चितरा घोरमारा, गिरिडीह जिले का बेंगाबाद, गांडेय, धनबाद जिले का निरसा, गोविंदपुर व टुंडी में फैल रहा है.
1000 युवाओं का सिंडिकेट : करमाटांड़ थाना क्षेत्र में कुल 150 गांव हैं. पुलिस के आंकड़ों की मानें तो 100 गांवों के युवा साइबर अपराध से जुड़ गये हैं.
इस काम में 12 से 25 साल के करीब 80 प्रतिशत युवा जुड़े हुए हैं. 1000 से अधिक युवाओं का सिंडिकेट भी चल रहा है. किसी भी व्यक्ति से एटीएम नंबर व पिन जानने के बाद उनके खाते से रुपये उड़ाने में इन्हें महज तीन मिनट का ही समय लगता है.
केंद्रीय मंत्री व सिने स्टार को भी लगा चुके हैं चूना : एक केंद्रीय मंत्री से साइबर ठगों ने करीब 1.80 लाख रुपये ठग लिये. नयी दिल्ली की पुलिस ने करमाटांड़ से दो आरोपियों को पकड़ा था. केरल के सांसद से 1.60 लाख की ठगी मामले में धनंजय व पप्पू मंडल की गिरफ्तारी हुई थी.
बेशुमार धन ने बदली जीवन-शैली
अवैध कमाई से पैदल चलने वाले लोग महंगी गाड़ियों में घूमने लगे हैं. इससे जहां नयी पीढ़ी गुमराह हो रही है, वहीं परिवार व समाज के लोग भी इनका समर्थन करने लगे हैं. समाज में यह मैसेज जा रहा है कि बच्चों को पढ़ाई कराने से अच्छा है साइबर अपराधी बनाना. स्थिति यह है कि कतिपय युवाओं को जब मन होता है, तो बंगाल आदि से नर्तकी मंगा कर नचाते हैं .
एक बार तो एक सिने अभिनेत्री के कार्यक्रम के लिए बात फाइनल कर ली गयी थी. इसके लिए 20 लाख रुपये बतौर एडवांस तक दे दिया गया था. प्रशासन को जानकारी हुई तो अनुमति नहीं दी गयी. इन लोगों का 20 लाख रुपये वापस भी नहीं हुए.