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जमशेदपुर में अब पांच से 10 किमी पर ही मिलेंगे टोल प्लाजा, सफर हुआ महंगा

नियम कानून को ताक पर रख कर राष्ट्रीय राजमार्ग प्रशासन द्वारा टोल लगाये जा रहे हैं. अपने खुद के बनाये हुए नियमों को तोड़ा जा रहा है. जिसके कारण अब जमशेदपुर में पांच से 10 किमी पर ही टोल प्लाजा मिलेंगे. जिससे वाहन मालिकों की जेब पर अतिरिक्त भार पड़ेगा.

जमशेदपुर, संजीव भारद्वाज : जमशेदपुर से बाहर निकलते ही वाहन मालिकों की जेब ढीली होनी शुरू हो जाती है. राष्ट्रीय राजमार्गों पर लगे टोल प्लाजा पर बिना भुगतान के वाहन आगे नहीं बढ़ सकते हैं. जमशेदपुर के आसपास चाईबासा मुख्य मार्ग, कांड्रा, पाटा, कदमा मरीन ड्राइव, पुतड़ू और कोकपाड़ा में सात टोल हैं. राष्ट्रीय राजमार्गों पर एक टोल से दूसरे टोल की कम से कम 60 किलोमीटर दूरी का प्रावधान है, लेकिन इनमें से दो-तीन टोल ऐसे हैं, जिनकी आपस की दूरी महज पांच, 10, 15 और 20 किमी की है. कार व छोटी गाड़ियों को एक टोल पर 40 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं, जबकि भारी वाहनों को 200-250 रुपये देने पड़ते हैं. जमशेदपुर से हाता होकर चाईबासा और घाटशिला जानेवाले मार्ग पर अभी तक कोई टोल प्लाजा शुरू नहीं हुआ है. इस वजह से इस मार्ग का उपयोग करनेवाले वाहन मालिकों को टोल टैक्स से कुछ राहत है.

पाटा से कोकपाड़ा के बीच तीन बार देना होता है टोल

जमशेदपुर से चाईबासा जाने के क्रम में कांड्रा में टोल प्लाजा है. चाईबासा जाने के क्रम में एक और टोल प्लाजा है, जिसकी दूरी कांड्रा से महज 10 किलोमीटर है. कांड्रा से चौका जाने के रास्त में बने टोल प्लाजा की दूरी महज पांच किलोमीटर है. सोनारी मरीन ड्राइव पर भी टोल प्लाजा लगा है, जिसकी बिष्टुपुर से दूरी महज पांच किलोमीटर है. राष्ट्रीय राजमार्ग पर चौका के निकट पाटा में नया टोल प्लाजा शुरू हो गया है. पाटा से बहरागोड़ा जाने के क्रम में पुतरु टोल प्लाजा की दूरी 40 किलोमीटर है. पाटा से कोकपाड़ा की कुल दूरी 60 किलोमीटर के करीब होगी, जिसमें तीन बार टोल का भुगतान करना होता है.

कोकपाड़ा व पुतड़ू टोल प्लाजा की दूरी सिर्फ 20 किमी

पूर्वी सिंहभूम के धालभूमगढ़ प्रखंड के कोकपाड़ा टोल प्लाजा से जमशेदपुर की ओर एनएच 18 से आने पर एक और टोल प्लाजा में टैक्स देना होगा. इसका निर्माण कोकपाड़ा से महज 20 किमी दूर गालूडीह के पुतड़ू गांव में किया गया है. इसका विरोध भी हो रहा है. एक ही एनएच पर महज 20 किमी के अंदर दो-दो बार टैक्स लगने से वाहन मालिकों को भी परेशानी हो रही है.

सरकार को कई बार इन टोल प्लाजा के संबंध में शिकायत की गयी. पिछले दिनों मंत्री बन्ना गुप्ता को लिखित ज्ञापन सौंपा गया. उन्होंने कहा था कि वे मुख्यमंत्री से बात करेंगे, जन समस्या का मुद्दा बताते हुए नियमानुसार कार्रवाई की मांग की जायेगी. एक के बाद एक टोल और वह भी कम दूरी पर, इससे वाहन मालिकों पर अतिरिक्त भार के अलावा समय की भी बर्बादी हो रही है.

-विजय आनंद मूनका, अध्यक्ष, सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स

नियम कानून को ताक पर रख कर राष्ट्रीय राजमार्ग प्रशासन द्वारा टोल लगाये जा रहे हैं. अपने खुद के बनाये हुए नियमों को तोड़ा जा रहा है. इस संबंध में पूर्व में भी मुख्यमंत्री से बात हुई है. फिर उनसे मिलकर इन पर विरोध जताया जायेगा. टोल की संख्या और दूरी को साफ तरीके से परिभाषित करने को कहा जायेगा.

-रामदास सोरेन, विधायक, झामुमो

जीपीएस से पैसा काटने की तैयारी

सरकार अब फास्टैग को हटाकर सीधे जीपीएस आधारित टोल प्रणाली से टोल वसूली की तैयारी कर रही है. इसके बाद में टोल प्लाजा की भूमिका और उस पर निर्भरता पूरी तरह से खत्म हो जायेगी. इस महत्वकांक्षी योजनाओं के आधार पर नयी टेक्नोलॉजी पर काम चल रहा है. टोल की सुविधा के लिए मोटर वाहन अधिनियम और संशोधन पर भी काम किया जायेगा.

दो टोल प्लाजा के बीच की दूरी

  • कांड्रा से चौका – 05 किमी

  • कांड्रा से चाईबासा – 10 किमी

  • साकची से मरीन ड्राइव-05 किमी

  • बिष्टुपुर से चांडिल-24 किमी

  • साकची से पुतड़ू-40 किमी

  • पुतड़ू से कोकपाड़ा-20 किमी

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