जांच में करीब 650 लोगों को पाया गया दोषी, नहीं हुई कोई कार्रवाई
Jamshedpur News :
दलमा और आसपास इको सेंसेटिव जोन को लेकर नोटिस का खेल वन विभाग ने खेला. वर्ष 2024-25 में लगातार इसको लेकर करीब 900 लोगों को नोटिस दिया गया. वन विभाग के अधिकारियों ने इको सेंसेटिव जोन में अवैध तरीके से चल रहे कारोबार के संचालकों को बुलाया. उनकी हाजिरी लगायी गयी. जांच में करीब 650 लोगों को दोषी भी पाया गया. यह बताया गया कि रिपोर्ट संबंधित उच्चाधिकारियों को भेज दी गयी है, लेकिन आज तक इस आदेश के करीब एक साल बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गयी. रिजल्ट फिसड्डी ही साबित हुई है. वन विभाग के अधिकारी तो अब इस पर बात तक करना नहीं चाहते हैं.गरीबों के मकानों को तोड़कर खानापूर्ति की गयी
करीब दो माह पहले गरीबों के मकानों को तोड़ा गया. गोकुलनगर, पारडीह, मिर्जाडीह से अतिक्रमण हटाये गये थे. करीब 34 अतिक्रमण हटाये जाने थे. लेकिन इको सेंसेटिव जोन में बने होटलों, गेस्ट हाउस समेत तमाम ढांचों को कोई आंच नहीं आयी. सांसद और तमाम राजनीतिक दलों के विरोध के कारण गरीबों का आशियां तोड़ना बंद हुआ.क्या है पूरा मामला
दलमा वन्य क्षेत्र और आसपास के अलावा जमशेदपुर वन प्रमंडल में एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, वर्ष 2012 के बाद प्रतिबंधित बसावटों को हटाया जाना है. नोटिस पाने वालों में श्याम डेयरी, एजीसीएस फूड एंड स्पाइसेस प्राइवेट लिमिटेड, स्मृति सेवा सदन अस्पताल, मां मनसा किराना स्टोर, दयाल स्टील कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, आरवीएस अकादमी जैसी संस्थाएं भी शामिल हैं. इसके अलावा वास्तु विहार, सन सिटी आशियाना, वृंदावन होटल, पंजा ट्रक और कार वॉश सेंटर जैसे प्रतिष्ठान भी इसकी जद में हैं, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया.
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