आयोग ने केस डायरी नंबर 29443/IN/2025 किया दर्ज
Jamshedpur News :
चाईबासा सदर अस्पताल से एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण नवजात के शव को उसके पिता द्वारा थैला में लेकर जाने वाले मामले को अत्यंत गंभीर बताते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है. आयोग ने केस डायरी नंबर 29443/IN/2025 दर्ज करते हुए इसकी जानकारी झारखंड मानवाधिकार संगठन (जेएचआरसी) प्रमुख मनोज मिश्रा को दी है. मनोज मिश्रा ने बताया कि संविधान की धारा 21 हर मानव को गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार देता है, जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने विस्तार करते हुए इसे मानव के मरने के बाद भी बरकरार रखा और मानव के मृत शरीर को भी वही गरिमा एवं मान-सम्मान देने की बात कही है. उन्होंने कहा कि चाईबासा सदर अस्पताल में घटित यह मामला मृत शरीर की गरिमा को ठेस पहुंचाने से जुड़ा है, जिसमें बीएनएस की धारा 301 दर्ज करते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए. इसको लेकर जेएचआरसी की टीम ने नोवामुंडी के सिंदरी गौरी टोला गांव जाकर नवजात के पिता डिंबा चतोंबा, माता रविवारी चतोंबा, दादा बुधराम चतोंबा, बसंती चतोंबा एवं गुरुवारी का बयान दर्ज किया था. इस जांच टीम में मुख्य रूप से मनोज मिश्रा, संगठन के उपाध्यक्ष रेणु सिंह, मानवाधिकार सदस्य विश्वजीत सिंह तथा सोमनाथ पात्रा मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

