सुरक्षित छठ के लिए जिला प्रशासन ने शुरू की तैयारी, छठ घाटों पर सुरक्षा मानकों की होगी जांच
सूर्य उपासना का महापर्व छठ पूजा की शुरुआत 25 अक्तूबर को नहाय-खाय के साथ होगी
26 को खरना, 27 को डूबते सूर्य को अर्घ्य और 28 अक्तूबर को पारण
Jamshedpur News :
दुर्गोत्सव के सफल आयोजन के बाद लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर जिला प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दिया है. हालांकि सुवर्णरेखा और खरकई नदी के जलस्तर ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है. छठ व्रतियों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने अभी से रणनीति बनानी शुरू कर दी है. घाटों पर गोताखोरों और एनडीआरएफ की तैनाती की पहल शुरू कर दी गयी है. इसके साथ ही घाटों की साफ-सफाई का का भी शुरू कर दिया गया है. शहर में लगभग 90 छठ घाट हैं. जहां व्रती पूजा-अर्चना करते हैं. जमशेदपुर अक्षेस में 36, मानगो नगर निगम में 17 और जुगसलाई नगर परिषद में 3 प्रमुख छठ घाट हैं.डीसी के नेतृत्व में सभी छठ घाटों का निरीक्षण
डीसी के नेतृत्व में शहर के तीनों नगर निकायों (जमशेदपुर अक्षेस, मानगो नगर निगम और जुगसलाई नगर परिषद) और बागबेड़ा अंतर्गत आने वाले 70 से अधिक छठ घाटों पर सुरक्षा मानकों की जांच के लिए संयुक्त टीम निरीक्षण करेगी. निरीक्षण के उपरांत ठोस निर्णय लिया जायेगा. जमशेदपुर अक्षेस (36 घाट), मानगो नगर निगम (13 घाट) और जुगसलाई नगर परिषद (3 घाट) के छठ घाटों पर पर्याप्त व्यवस्था के लिए टीम गठित कर अधिकारियों के बीच जिम्मेदारी बांटी जायेगी. इसके अलावा पूर्व की तरह शहर की कंपनियों से भी छठ घाटों की साफ-सफाई, ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव, लाइट, टेंट आदि उपलब्ध कराने में सहयोग लिया जायेगा.मानगो के 17 घाटों पर विशेष फोकस
मानगो नगर निगम क्षेत्र में 17 छठ घाट हैं, जिनमें सुवर्णरेखा नदी पर स्थित वर्कर्स कॉलेज घाट और चाणक्यपुरी घाट प्रमुख हैं. मानगो नगर निगम के उप नगर आयुक्त कृष्ण कुमार ने बताया कि नदी का पानी ज्यादा होने से खतरा ज्यादा है. नगर निगम के सभी 17 घाटों पर डेंजर जोन को लाल रिबन से घेरकर चिह्नित किया जायेगा. इसके अलावा, निगम की टीम छठ समितियों के साथ मिलकर सफाई और लाइटिंग सुनिश्चित कर रही है.शहर के प्रमुख छठ घाटों की स्थिति
सुवर्णरेखा नदी तट : साकची और मानगो सुवर्णरेखा नदी तट पर जल स्तर ज्यादा है. जिससे घाट कम है. दुर्गा पूजा विसर्जन के बाद साफ-सफाई होने से घाट साफ है. सोनारी दोमुहानी घाट : नदी का जल स्तर अभी सीढ़ी से नीचे है. साढ़ी के अगल- बगल और नदी के आसपास कंकड़-पत्थर ज्यादा है.सोनारी कपाली घाट : यहां रास्ता ढलान होने के कारण पहले ही डेंजर जोन में आता है. नदी घाट में पानी ज्यादा है. जिससे हादसे की आशंका ज्यादा है.
हुरलुंग छठ घाट : बिरसानगर के हुरलुंग घाट में जलस्तर ज्यादा है. जिससे व्रतियों के लिए पूजा करने के लिए स्थान कम है.जुगसलाई महाकालेश्वर छठ घाट : नदी का जलस्तर काफी ज्यादा है. जिसकी वजह से घाट छोटा हो गया है. पुराना पुलिया जो बनाया गया था. वह पानी में पूरी तरह से डूबा हुआ है.
बागबेड़ा बड़ौदा घाट : बागबेड़ा बड़ौदा घाट में वर्तमान में सीढ़ी तक पानी है. लोग फिलहाल यहां स्नान भी करने से परहेज कर रहे हैं.शहर के डेंजर जोन में आने वाले प्रमुख घाट
दोमुहानी सुवर्णरेखा, कपाली सुवर्णरेखा, कदमा सत्ती खरकई, कदमा पावर ट्रांसफॉर्मर सब स्टेशन खरकई, कदमा नील सरोवर, कदमा शास्त्रीनगर खरकई (ब्लॉक नंबर 1, 2, 3, 4 व 5), बिष्टुपुर बेलीबोधन वाला खरकई, जुगसलाई महाकालेश्वर खरकई, बागबेड़ा बड़ौदा, मानगो वर्कर्स कॉलेज इंटेकवेल सुवर्णरेखा, मानगो चाणक्यपुरी, भुइयांडीह पांडेय, लक्ष्मीनगर कृत्रिम तालाब, सिदगोड़ा सूर्यमंदिर तालाब, बिरसानगर कृत्रिम तालाब, बारीडीह निराला पथ, भोजपुर सुवर्णरेखा, जिला स्कूल सुवर्णरेखा, हुडको तालाब, हुरलुंग सुवर्णरेखा, नरवा जादूगोड़ा, डिमना लेक, कांदरबेड़ा, जोयदा मंदिर, आदित्यपुर खरकई नदी.छठ घाटों पर ये रहेगी व्यवस्था
1. डेंजर जोन चिह्नित कर लगेगा निशान : इस साल नदी का जल स्तर ज्यादा होने से नदी के गहरे या खतरनाक क्षेत्रों को पहले ही चिह्नित कर रस्सी, लाल रिबन और बैलून बांधा जायेगा, ताकि छठव्रती गहरे पानी में नहीं जायें.2. गोताखोर की तैनाती : नगर निकायों की ओर से सुवर्णरेखा और खरकई नदी के प्रमुख घाटों पर गोताखोरों की टीम को तैनात किया जायेगा. जबकि अत्यधिक खतरनाक घाटों पर एनडीआरएफ की टीम को भी मुस्तैद रखने की योजना है.
3. पुलिस बल की तैनाती : नदी में तैरने वाले पुलिस जवानों को भी इस साल छठ घाटों पर तैनात किये जायेंगे. इसके लिए नगर निकायों की ओर से वरीय पुलिस अधीक्षक से ऐसे जवानों की तैनाती का अनुरोध किया जायेगा.4. ड्रोन से होगी निगरानी : सुवर्णरेखा और खरकई नदी के भीड़ वाले प्रमुख छठ घाटों पर ड्रोन कैमरे से निगरानी की तैयारी चल रही है.
5. घाटों तक पहुंच पथ की मरम्मत : छठ के दौरान हजारों श्रद्धालु छठ घाटों पर आते हैं. इसे देखते हुए सभी छठ घाटों के पहुंच पथों को समय से पूर्व दुरुस्त करने की तैयारी शुरू कर दी गयी है. काली पूजा विसर्जन के बाद घाटों की विशेष सफाई, ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कराया जायेगा.6. लाइटिंग की व्यवस्था : नगर निकायों की ओर से घाट जाने वाले रास्ते में पर्याप्त हैलोजन लाइट लगाये जायेंगे.
7. घाटों पर अस्थायी चेंजिंग रूम : प्रमुख छठ घाटों पर नगर निकायों की ओर से महिला व्रतियों के लिए अस्थायी चेंजिंग रूम बनाये जायेंगे.8. मेडिकल टीम की तैनाती : स्वास्थ्य विभाग की ओर से शहर के लगभग 18-20 प्रमुख घाटों पर मेडिकल टीम, डॉक्टर और एंबुलेंस की तैनाती रहेगी.
मानगो नगर निगम के प्रमुख छठ घाट
इंटक वेल छठ घाट, चाणक्यपुरी छठ घाट, वर्कर्स कॉलेज छठ घाट, बैकुंठ नगर छठ घाट, वास्तु विहार छठ घाट, साई सूरज आश्रम छठ घाट, लालजी छठ घाट, गौड़ बस्ती छठ घाट, शांतिनगर छठ घाट, लक्ष्मणनगर छठ घाट, श्यामनगर छठ घाट, रामनगर छठ घाट, गोकुल नगर छठ घाटजेएनएसी एरिया के प्रमुख छठ घाट
सुवर्णरेखा छठ घाट, भुइयांडीह पांडेय घाट, न्यू पुरुलिया बस स्टैंड छठ घाट, दुलाल भुइयां घाट व कल्याण नगर घाट, बाबूडीह लालभट्ठा घाट, झरना घाट, बिष्टुपुर बेली बोधनवाला घाट, शास्त्रीनगर ब्लॉक 2, 3, 4 व 5, रामजनम नगर भट्ठा घाट, भाटिया बस्ती सती घाट, भाटिया बस्ती घोड़ा चौक मरीन ड्राइव घाट, नील सरोवर धनंजय पथ घाट,सोनारी दोमुहानी घाट, बच्चा सिंह बस्ती घाट, सिदो-कान्हू बस्ती घाट, रतन टाटा घाट, रामनगर रोड नंबर 6, घाट, हाड़ गोदाम श्याम नगर घाट, बारीडीह भोजपुर घाट, जिला स्कूल, कदानी रोड, भोजपुर कॉलोनी, निराला पथ, पटना लाइन जिला स्कूल, बारीडीह बस्ती, बागुनहातु बिहारी बस्ती, सूर्य मंदिर सिदगोड़ा, लक्ष्मीनगर मकदम, जेम्को बस स्टैंड घाट, आनंद नगर घाट, बजरंगी बागान शिवनगर घाट, रामधीन बागान घाट, कंचन नगर घाट, इस्ट प्लांट बस्ती घाट, केबुल टाउन बड़ा मैदान अवस्थित दो घाट व तोमर घाट, कैलाश नगर घाट, जोजोबेड़ा घाट, कृष्णा नगर घाट, बिरसानगर बड़ा तालाब, सरस्वती शिशु निकेतन स्कूल के समीप नंबर 1 ए, बी घाट, बिरसानगर जोन नंबर 9 घाट, संथाल बस्ती घाट, सी 2 तालाब घाट एवं संथाल बस्ती घाट आदि.जिला पार्षद परितोष बनाते हैं हर साल 10 से ज्यादा कृत्रिम छठ घाट
जिला पार्षद परितोष सिंह गोविंदपुर में हर साल 10 से ज्यादा कृत्रिम छठ घाट का नि:शुल्क निर्माण कराते हैं. जेसीबी की मदद से मैदानों में गड्ढा खोदकर अस्थायी घाट का निर्माण करते हैं. पिछले तीन-चार सालों से सुरक्षा के मद्देनजर यह ट्रेंड शहर में काफी तेजी से बढ़ रहा है. पारंपरिक नदी तटों की जगह, अब जमशेदपुर के कई मोहल्लों और बस्तियों में अस्थायी छठ घाटों का निर्माण कराया जा रहा है.बाजार में 500 से लेकर 5 हजार में मिल रहा छठ टब
शहर का बाजार कृत्रिम छठ घाट बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है. प्लास्टिक, फाइबर और रेडीमेड छठ टब बाजार में आ गये हैं. शहर के बाजारों में प्लास्टिक के 500 से लेकर 700 लीटर के बड़े टब 1500 रुपये लेकर 2,500 में बिक रहे हैं. बड़े परिवारों के लिए फोल्डेबल अस्थायी स्विमिंग पूल 3 से लेकर 5 हजार तक में बाजार में उपलब्ध है. जबकि वाटर प्रूफ प्लास्टिक शीट्स 500 से लेकर 1500 रुपये में उपलब्ध है. जिन्हें मैदान में गड्ढा खोदकर जल रोधक बनाने में इस्तेमाल किया जाता है. विक्रेताओं के अनुसार टबों और पूलों में पानी भरकर व्रती आसानी से खड़े होकर सूर्य भगवान को अर्घ्य दे सकते हैं, जो सुरक्षा के दृष्टिकोण से सबसे अच्छा है.क्या कहते हैं अधिकारी
लगातार बारिश से दोनों नदियों का जलस्तर ज्यादा है, इसलिए हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता सुरक्षा होगी. व्रतियों से गहरे पानी में जाने से बचने की अपील है.कृष्ण कुमार, उप नगर आयुक्त, जेएनएसी सह मानगो नगर निगम
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