Jamshedpur news.
स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी रविवार को शहर पहुंचने पर एमजीएम अस्पताल का निरीक्षण किया. उन्होंने सबसे पहले अस्पताल के इमरजेंसी को देखा. इमरजेंसी की अव्यवस्था को देखकर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि यही हॉस्पिटल है, जहां मरीजों का इलाज किया जाता है?. उन्होंने कहा कि अस्पताल की व्यवस्था ठीक नहीं है. इसमें काफी सुधार की जरूरत है. मंत्री के आने के पहले मरीज जहां-तहां पड़े हुए थे. इस पर बताया गया कि बेड की काफी कमी है. मंत्री ने अधीक्षक को कहा कि एमजीएम की व्यवस्था को सुधारें नहीं तो कार्रवाई की जायेगी. इस दौरान मंत्री ने डॉक्टर, नर्स व कर्मचारी से कहा कि संसाधन की जो कमी है, उसकी लिस्ट बनाकर दें, ताकि उसे पूरा किया जा सके. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से जो संसाधन दिया जा रहा है, उसका सही से उपयोग नहीं हो रहा है. इसमें कई खामियां हैं, उसमें सुधार की जरूरत है. नयी बिल्डिंग बन रही है, उसमें जो कमी है उसको दूर करते हुए जल्द से जल्द इस अस्पताल को शिफ्ट किया जायेगा. साथ ही नये अस्पताल को बना रही एजेंसी इतना दिनों से काम पूरा नहीं किया, उस पर भी मंत्री ने कार्रवाई करने की बात कही. वहीं अस्पताल में मिल रही दवाओं को देखा, जिसमे ‘डेकसोना’ दवा वहां थी. मंत्री ने उस दवा को बदलने की बात कहते हुए नयी दवा की खरीदारी करने को कहा. इस दौरान अस्पताल में अधीक्षक डॉ मंधान, सहित कई एचओडी पहुंचे हुए थे.जिले में एक मेडिकल कॉलेज खुलेगा व सदर अस्पताल में होगा 500 बेड का, बाहर से आने वाले डॉक्टरों को दिया जायेगा दोगुना वेतन
स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी रविवार को देर रात सदर अस्पताल का निरीक्षण किया. उन्होंने अस्पताल के आइसीयू, एनआइसीयू सहित अन्य विभाग को देखा. उन्होंने कहा कि अस्पताल के आइसीयू में बेड काफी कम है. उन्होंने सदर में तत्काल 100 से बढ़ाकर 300 बेड करने की बात कही. साथ ही घोषणा की कि जल्द ही जिले में एक नया मेडिकल कॉलेज खुलेगा. मेडिकल कॉलेज खुलने के साथ ही सदर अस्पताल को 500 बेड का बनाया जायेगा. इसको लेकर तैयारी चल रही है. वहीं सदर अस्पताल में पानी की कमी पर उन्होंने कहा कि इसके लिए उपायुक्त को कहा गया है. इसकी व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने कहा कि अभी वे हाल ही में हैदराबाद गये थे, वहां कई डॉक्टर झारखंड के हैं. उन सभी को कहा गया कि आप झारखंड आयें, यहां जितना पैसा दिया जा रहा है, उससे दोगुना पैसा दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि बाहर से 300 से 400 डॉक्टरों को लाया जायेगा. इसके साथ ही सरकार ऐसी व्यवस्था की है, कि जो भी पीजी व अन्य डॉक्टर झारखंड में पढ़ाई कर रहे हैं, उन लोगों को पांच साल तक यहां काम करना होगा. उन्होंने कहा कि सिविल सर्जन को कहा गया कि अस्पताल को बेहतर बनाने के लिए जो भी जरूरत है, उसकी लिस्ट बनाकर दें, ताकि उसको पूरा किया जा सके. इस दौरान सिविल सर्जन डॉ साहिर पाल सहित अन्य डॉक्टर व कर्मचारी मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है