जमशेदपुर : बेटे के इलाज के लिए पिता आयुष्मान भारत योजना का कार्ड लेकर शहर के अस्पतालों का चक्कर लगाता रहा. हर किसी से मदद की गुहार लगायी, पर मदद नहीं मिली. इलाज के अभाव में सोमवार को उसकी मौत हो गयी. सारे सरकारी दावे धरे रह गए और 12 वर्षीय किशोर जिंदगी की जंग हार गया. गोलपहाड़ी निवासी राजेश पात्रो के बेटे सागर पात्रो के दिल में छेद था.
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‘आयुष्मान’ लेकर पिता लगाता रहा अस्पतालों के चक्कर, नहीं हुआ इलाज, बेटे ने दम तोड़ा
जमशेदपुर : बेटे के इलाज के लिए पिता आयुष्मान भारत योजना का कार्ड लेकर शहर के अस्पतालों का चक्कर लगाता रहा. हर किसी से मदद की गुहार लगायी, पर मदद नहीं मिली. इलाज के अभाव में सोमवार को उसकी मौत हो गयी. सारे सरकारी दावे धरे रह गए और 12 वर्षीय किशोर जिंदगी की जंग […]
लाडले के इलाज के लिए पिता ने कोई कसर नहीं छोड़ी. शहर के अस्पतालों के अलावा पश्चिम बंगाल, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के अस्पतालों के भी चक्कर लगाये. आयुष्मान कार्ड रहते हुए भी सबने या तो पैसे मांगे या फिर इलाज करने में असमर्थता जता दी. सांसद, विधायक और सिविल सर्जन से भी मदद की गुहार लगायी. लेकिन कोई सहायता नहीं मिलने पर पिता उपायुक्त के पास पहुंचे.
यहां उन्हें उम्मीद की किरण दिखी. उपायुक्त ने सिविल सर्जन को फोन कर इलाज की व्यवस्था करने को कहा. उसके बाद सिविल सर्जन ने सागर को मेडिट्रिना अस्पताल में 28 दिसंबर को भर्ती कराया. लेकिन यहां भी जांच के लिए फीस मांगी गयी. यहां 13 दिन इलाज के बाद उसे घर ले जाने को कहा गया और घर में ही सूई दिलाने की सलाह दी गयी. इसके बाद पिता रोजाना अपने लाडले को लेकर सदर अस्पताल जाते थे और सूई लगवाते थे.
लेकिन रविवार की रात उसकी तबीयत ज्यादा खराब हो गयी. सुबह जब पिता ने पूछा कि तबीयत ठीक है, तो उसने फिट बताया, लेकिन सुबह 11.30 बजे सागर को अचानक उल्टी और दस्त होने लगा. पिता बेटे को लेकर सदर अस्पताल पहुचे, जहां से उन्हें एमजीएम अस्पताल भेज दिया गया, जहां सागर ने दम तोड़ दिया. परिवार वाले अस्पताल परिसर में ही दहाड़ मारकर रोने लगे.
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