जमशेदपुर : एमजीएम अस्पताल में नवजातों की लगातार हो रही मौत को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें बताया गया है कि अस्पताल में इलाज के दौरान हर 24 घंटे के अंदर लगभग 62 प्रतिशत बच्चों की मौत हो जाती है. इसका मुख्य कारण संक्रमण, कम वजन व समय से पहले जन्म होना बताया गया है. यह भी कहा गया कि कमजोर वजन वाले बच्चों की माता भी शारीरिक रूप से काफी कमजोर होती है. वहीं, गर्भावस्था के दौरान उनमें पोषण की कमी और सही से जांच नहीं होने के कारण भी ऐसी स्थिति पैदा होती है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे बच्चों के लिए अलग से यूनिट होनी चाहिए, ताकि उनका इलाज सही से हो सके. साथ ही माताओं को मिलने वाली जननी सुरक्षा योजना का लाभ भी गर्भवती महिलाओं को नहीं मिल पा रही है. एमजीएम में हर माह करीब 600 महिलाओं का प्रसव होता है, लेकिन जननी सुरक्षा योजना के तहत प्रोत्साहन राशि कई को समय पर नहीं मिलती है, जबकि योजना के तहत संस्थागत प्रसव कराने वाली शहरी महिलाओं को एक हजार रुपये और ग्रामीण महिलाओं को 1400 रुपये बतौर प्रोत्साहन राशि प्रदान की जानी है.