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स्वच्छता में तो जमशेदपुर आगे बढ़ गया आइये हम सब ट्रैफिक व्यवस्था भी सुधारें

जमशेदपुर : स्वच्छता सर्वेक्षण की दो तिमाही में सबसे आगे रहा जमशेदपुर ट्रैफिक व्यवस्था में पिछड़ता जा रहा है. इसके लिए हम किसी और को जिम्मेवार नहीं ठहरा सकते हैं. अगर कोई जिम्मेदार है, तो वह हम ही हैं. हम ट्रैफिक नियम का पालन नहीं करते. कहीं भी गाड़ी पार्क कर देते हैं. ट्रैफिक पुलिस […]

जमशेदपुर : स्वच्छता सर्वेक्षण की दो तिमाही में सबसे आगे रहा जमशेदपुर ट्रैफिक व्यवस्था में पिछड़ता जा रहा है. इसके लिए हम किसी और को जिम्मेवार नहीं ठहरा सकते हैं. अगर कोई जिम्मेदार है, तो वह हम ही हैं. हम ट्रैफिक नियम का पालन नहीं करते. कहीं भी गाड़ी पार्क कर देते हैं. ट्रैफिक पुलिस को सहयोग नहीं करते हैं. शहर में जहां भी ट्रैफिक सिग्नल लगे हैं, वहां रेड लाइट सिग्नल तक की परवाह नहीं करते. हमारी थोड़ी ही सावधानी और सजगता हमारे शहर को सुंदर और व्यवस्थित बना सकती है.

साकची, मानगो, बिष्टुपुर, जुगसलाई आदि में हर दिन प्रमुख चौराहों व सड़क पर घंटों जाम लगते हैं. इससे ऑफिस, स्कूल, कॉलेज व आपात स्थिति में कहीं जा रहे लोगों को परेशानी होती है. जाम खत्म कराने के लिए अक्सर ट्रैफिक पुलिस जूझती व बेबस नजर आती है. चालक व आम लोग यातायात नियमों को गंभीरता से नहीं लेते.
आगे निकलने की होड़ में विपरीत दिशा से वाहन लेकर चला जाना सिंगल रोड में जाम का कारण बनता है. कहीं-कहीं इसके लिए ट्रैफिक व्यवस्था व वहां तैनात जवान भी जिम्मेदार होते हैं. अक्सर जाम अनियंत्रित हो जाने पर ट्रैफिक जवान स्थान से हट जाते हैं. ऐसे में मॉनिटरिंग फेल हो जाती है. मानगो बस स्टैंड के पास जाम से जूझते ट्रैफिक जवान तो दिखते हैं, लेकिन साकची गोलचक्कर और शीतला मंदिर चौक पर जाम लगते ही जवान पोस्ट छोड़ गायब हो जाते हैं.
जमशेदपुर स्वच्छता में अव्वल. गत वर्ष अप्रैल-जून और जुलाई-सितंबर के लिए देश भर में हुए सर्वेक्षण के परिणामों में जमशेदपुर अपना परचम लहरा चुका है. एक लाख से दस लाख की आबादी वाले शहरों में जमशेदपुर ने दोनों तिमाहियों में पहला रैंक हासिल किया है. केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने गत मंगलवार को सर्वेक्षण की रैंकिंग जारी की.
ट्रैफिक के कारण बढ़ रहा है तनाव. गत वर्ष टाटा ने ‘एज ऑफ रेज’ नाम से एक सर्वे किया था. जिसमें खुलासा हुआ था कि हमारे बढ़ते तनाव के पीछे की मुख्य वजह ट्रैफिक है. 10 महानगरों में टाटा साल्ट लाइट की ओर से किए गए सर्वे में खुलासा हुआ कि 56 प्रतिशत लोगों ने माना कि ट्रैफिक जाम के चलते ऑफिस पहुंचने उन्हें देरी होती है.
इस कारण वे ‘रोड रेज’ के लिए मजबूर हो रहे हैं. वहीं वे ट्रैफिक पुलिस और दूसरे ड्राइवरों से भी झगड़ा करने से लोग नहीं चूकते. 20 फीसदी भारतीयों ने माना है कि ट्रैफिक ही उनके गुस्से और तनाव का मुख्य कारण है.

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