जमशेदपुर : घाघीडीह सेंट्रल जेल में पेयजल संकट के लिए पूरी तरह पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के इंजीनियर ही जिम्मेदार है. जेल प्रशासन ने चार दिन पूर्व ही यहां का मोटर खराब होने की सूचना पेयजल अभियंता को दे दी थी, लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया गया. नतीजा घाघीडीह जेल में पेयजल संकट के रूप में सामने आया है.
पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिलने से आक्रोशित जेल के सुरक्षा कर्मियों और बंदियों ने शनिवार को हंगामा किया. उन्हें शांत कराने में प्रशासन को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. आक्रोशित सुरक्षा कर्मियों ने 24 घंटे में पानी की समस्या का समाधान नहीं होने पर कड़ा निर्णय लेने की चेतावनी जेल प्रशासन को दी है.
इधर, प्रभात खबर में मामला प्रकाशित होने के बाद पेयजल विभाग की टीम शनिवार को जेल पहुंची और खराब मोटर को यह कहकर ले गयी कि उसकी मरम्मत में चार दिन लगेंगे. इससे आने वाले दिनों में जेल में जल संकट कम होता नहीं दिख रहा है. जेल कर्मियों के अनुसार पेयजल विभाग को एक माह पूर्व ही एक खराब मोटर दिया गया था, लेकिन अब तक उसकी मरम्मत नहीं हो सकी है.
अगर समय पर मोटर की मरम्मत करा ली जाती तो बंदियों और जेल कर्मियों को पानी के लिए नहीं जूझना पड़ता. पेयजल विभाग के कार्यपालक अभियंता से स्थिति की जानकारी लेने का प्रयास किया ताे लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया.
यह हाल रहा तो नाश्ता व खाना पर आयेगा संकट :जेल में कभी भी बंदियों का भोजन, नाश्ता बनना बंद हो सकता है. पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं होने से बंदियों का भोजन बनाने में समस्या उत्पन्न हो गयी है.