मधुपुर : स्थानीय राहुल अध्ययन केंद्र में गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस समारोह पूर्वक मनाया गया. इस अवसर पर धनंजय प्रसाद ने कहा कि मातृभाषा के विकास के बिना राष्ट्रभाषा का विकास संभव नहीं है.
मातृभाषा से ही राष्ट्रभाषा समृद्ध होगा. कहा कि भाषा सिर्फ सूचना प्रसारण के माध्यम नहीं होती है, बल्कि सभ्यता और संस्कृति की आंख होती है. उन्होंने कहा कि भाषा को जीवित रखने के लिए उसका उपयोग करना जरूरी है.
उन्होंने कहा कि देश में करीब 42 भाषाओं का खत्म हो जाने का खतरा मंडरा रहा है. उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति के संपूर्ण निर्माण में माता व मातृभाषा का योगदान सर्वोपरि है. सरकारी उपेक्षा के कारण 70 फीसदी क्षेत्रीय भाषाओं का बुरा हाल है. मौके पर सुखदेव, बसंत, निसार, राजेश आदि मौजूद थे.