जमशेदपुर : मंत्री सरयू राय ने कहा कि एमजीएम की बदतर स्थिति का कारण सरकार, स्वास्थ्य निदेशालय व अस्पताल के बीच समन्वय की कमी है. चार साल में कई आदेश जारी हुए. अधिकारी रांची से जमशेदपुर दौड़ते रहे, लेकिन स्थिति बदतर होती गयी. 15 दिन पहले उन्होंने मंत्रिमंडल की बैठक में एमजीएम का मुद्दा उठाया था.
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जमशेदपुर : एमजीएम की स्थिति बदतर, 28 को समीक्षा : सरयू
जमशेदपुर : मंत्री सरयू राय ने कहा कि एमजीएम की बदतर स्थिति का कारण सरकार, स्वास्थ्य निदेशालय व अस्पताल के बीच समन्वय की कमी है. चार साल में कई आदेश जारी हुए. अधिकारी रांची से जमशेदपुर दौड़ते रहे, लेकिन स्थिति बदतर होती गयी. 15 दिन पहले उन्होंने मंत्रिमंडल की बैठक में एमजीएम का मुद्दा उठाया […]
इसको लेकर 28 जनवरी को मुख्यमंत्री ने बैठक बुलायी है. इसमें वे भी शामिल होंगे. इस कारण उन्होंने एमजीएम व कॉलेज के अधिकारियों से पूछा है कि अस्पताल को ठीक करने के लिए पिछले चार वर्षों में क्या-क्या प्रयास हुए. तीन साल पहले मुख्यमंत्री ने अस्पताल की समीक्षा की थी.
उसके मिनट तैयार हुए होंगे. उस पर आदेश भी दिया गया होगा. उस आदेश का कितना पालन हुआ. इसके अलावा सरकार से उनकी क्या अपेक्षा है, इसका भी जवाब देने काे कहा. बुधवार को उन्होंने परिसदन में अधीक्षक एसएन झा व प्राचार्य एसी अखौरी के साथ बैठक की. मंत्री ने कहा कि जिले के सरकारी अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में यदि इलाज की स्थिति ठीक होती, तो एमजीएम पर मरीजों का बोझ नहीं पड़ता.
इसी के आकलन के लिए अधिकारियों से मरीजों की संख्या की रिपोर्ट मांगी है. इसमें यह बताना है कि एमजीएम में पिछले चार सालों में मरीजों की कितनी संख्या बढ़ी और जिले व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चार वर्षों की मरीजों की संख्या व रेफर किये गये की संख्या क्या थी. अस्पतालों में भवन की स्थिति जर्जर है. आदम जमाने के अस्पताल के भवन हैं. कहा कि आर्किटेक के साथ अस्पताल भवनों की स्थिति देखकर सुविधायुक्त भवन बनाये जाने चाहिए.
खुद एक स्लाइन नहीं खरीद सकता अस्पताल : मंत्री ने कहा कि अस्पताल में दवा की स्थिति बदतर है. प्रबंधन स्वयं एक स्लाइन तक नहीं खरीद सकता. इसके लिए कमीशन बनाया गया है. जब तक उसकी अनुमति नहीं होगी, कुछ भी अस्पताल में नहीं आ सकता. बताया कि जवाबों के साथ 27 जनवरी को दोनों अधिकारियों को तलब किया है.
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