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एक मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री पहले से, दूसरे का कर दिया टेंडर, 2006 से लगी है मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री
जमशेदपुर : एमजीएम के चादर, कंबल, तौलिया सहित अस्पताल में उपयोग होने वाले कपड़ों की धुलाई के लिए अस्पताल परिसर में 2006 में मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री लगाया गया था. इसमें कपड़ा धोने, आयरन करने और सूखाने के लिए मशीन लगी है, जोकि चालू हालात में है. इसमें तीन वाॅशिंग मशीन, एक ड्राईवास मशीन, एक ड्रायर और […]
जमशेदपुर : एमजीएम के चादर, कंबल, तौलिया सहित अस्पताल में उपयोग होने वाले कपड़ों की धुलाई के लिए अस्पताल परिसर में 2006 में मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री लगाया गया था. इसमें कपड़ा धोने, आयरन करने और सूखाने के लिए मशीन लगी है, जोकि चालू हालात में है. इसमें तीन वाॅशिंग मशीन, एक ड्राईवास मशीन, एक ड्रायर और एक प्रेस मशीन मौजूद है.
इसमें प्रतिदिन 400 से ज्यादा चादर, 300 से ज्यादा ऑपरेशन थियेटर के कपड़े, 20 से 30 कंबल की धुलाई की जा रही है. इसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन द्वारा दो सप्ताह पहले नये मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री के लिए लगभग एक करोड़ का टेंडर निकाला गया है.
इतना ही नहीं स्वास्थ्य विभाग के उच्च पदाधिकारियों को कहा गया है कि अस्पताल में मैकेनाइज्ड लॉडी नहीं है. यहां की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री को बढ़ाना बहुत जरूरी है. इसके लिए जगह बढ़ाने की जगह नयी मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री के लिए ही टेंडर निकाला गया है.
इस संबंध में अधीक्षक डॉ एसएन झा ने बताया कि अस्पताल में जहां पर लॉन्ड्री चल रही है. वहां और मशीन लगाने की जगह नहीं है. वहीं मरीजों की संख्या बढ़ने से कपड़ा अधिक निकल रहे हैं. पुराने मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री में लगी सभी मशीनें काफी पुरानी हो गयी है. उसके जगह पर हाई लेवल की मशीनें लगाने की जरूरत है, जिसको देखते हुए नया टेंडर निकाला गया है. ताकि नया मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री को लगाया जा सके.
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