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”पहले आओ, पहले पाओ” के पत्र से हुई गड़बड़ी

जमशेदपुर. ग्रेजुएट कॉलेज में बीएड दाखिले में हुई अनियमितता का भांडा महाविद्यालय प्रशासन ने कोल्हान विश्वविद्यालय प्रशासन के सिर पर फोड़ दिया है. जांच में घिरता हुआ देख एडमिशन कमेटी के एक सदस्य ने अपनी गोपनीयता कायम रखते हुए कोल्हान विवि की ओर से कॉलेज को भेजा गया पत्र सार्वजनिक कर दिया है. इसमें लिखा […]

जमशेदपुर. ग्रेजुएट कॉलेज में बीएड दाखिले में हुई अनियमितता का भांडा महाविद्यालय प्रशासन ने कोल्हान विश्वविद्यालय प्रशासन के सिर पर फोड़ दिया है. जांच में घिरता हुआ देख एडमिशन कमेटी के एक सदस्य ने अपनी गोपनीयता कायम रखते हुए कोल्हान विवि की ओर से कॉलेज को भेजा गया पत्र सार्वजनिक कर दिया है. इसमें लिखा गया है कि दाखिले की प्रक्रिया लिस्ट के अनुसार पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर संचालित की जा सकती है.
पत्र में लिखा गया है कि विवि की ओर से कॉलेज को उपलब्ध करायी जा रहे दाखिले की प्रतीक्षा सूची में शामिल उम्मीदवारों को मेरिट लिस्ट के अनुसार एसएमएस व फोन के जरिये सूचित किया जाये. इसका बाकायदा रिकॉर्ड रखने के लिए कहा गया है. संबंधित पत्र में कहीं भी यह अंकित नहीं किया गया है कि कॉलेज प्रशासन को मेरिट लिस्ट के अाधार पर प्रवेश वरीयता सूची का प्रकाशन करना है.
संबंधित सूची में स्थान पाने वाले उम्मीदवारों के नाम कॉलेज के नोटिस बोर्ड पर चस्पा किया जाना है. पत्र में यह भी नहीं लिखा गया है कि प्रवेश में रोस्टर प्रक्रिया का पालन नियमानुसार किया जाना है. दरअसल विवि के पत्र की भाषा सरकारी कॉलेजों में संचालित बीएड प्रवेश प्रक्रिया की अनियमितता को बढ़ावा देने वाली है.
पूरे मामले में आरोपी बतायी जा रही महिला लिपिक ने विवि पदाधिकारियों से मुलाकात की है. अपना पक्ष रखते हुए आरोपी महिला ने कहा है कि कॉलेज में इसी प्रणाली के आधार पर पिछले कई वर्षों से प्रवेश प्रक्रिया संचालित की गयी. महिला का कहना है कि दाखिले की सूची में पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष के नाम के कारण पूरे विवाद को हवा दी जा रही है. तीन मेरिट लिस्ट के बाद विवि की तरफ से प्रतीक्षा सूची कॉलेज प्रशासन को पत्र के साथ भेजी गयी. संबंधित पत्र की भाषा में नियमों को लेकर अस्पष्टता साफ दिखायी दे रही है.
तीन सदस्यीय कमेटी बनायी. कोल्हान विवि प्रशासन ने ग्रेजुएट कॉलेज के मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. इसके आधार पर विवि की टीम मामले की जांच करने के लिए कॉलेज के दौरे पर आ रही हे. पूरे प्रवेश प्रक्रिया में गड़बड़ी की मुख्य वजह विवि की ओर से कॉलेज को भेजे गये पत्र को बताया गया है. सूत्रों की मानें, तो विवि की अोर से इस मामले की जांच के लिए कुलानुशासक डॉ. एके झा के नेतृत्व में टीम बनी है.
फीस अब तक नहीं की गयी वापस. ग्रेजुएट कॉलेज में बीएड का नामांकन लेने वाली 30 छात्राओं का दाखिला रद्द करने की अनुशंसा कर दी गयी है. इन छात्राओं की फीस अब तक वापस नहीं की गयी है. छात्राओं की फीस वापस किये बिना इस मामले में नये सिरे से नामांकन लेने की तैयारी है.
छात्राओं को आपत्ति दर्ज कराने का भी नहीं मिला मौका
ग्रेजुएट कॉलेज के बीएड नामांकन में हुई गड़बड़ी को लेकर हर दिन नये खुलासे हो रहे हैं. इस पूरी प्रक्रिया में कॉलेज प्रशासन के साथ-साथ विश्वविद्यालय प्रशासन की भी भूमिका कटघरे में आ गयी है. विवि ने नामांकन को लेकर जो दिशा-निर्देश जारी किया है, उसके अनुसार छात्राओं को मेरिट लिस्ट देखने, संबंधित लिस्ट पर अपनी अापत्ति दर्ज कराने तक का अवसर नहीं दिया गया है. उम्मीदवारों से किये गये संपर्क में फोन व एसएमएस के रिकाॅर्ड भी पूरी तरह से कॉलेज को अपनी मर्जी के अनुसार तैयार करने का अवसर प्रदान किया गया.
कॉलेज नयी सूची तैयार करने में जुटा
नामांकन विवाद के सामने आने के बाद कॉलेज प्रशासन ने 30 छात्राओं का नामांकन रद्द मानकर आगे की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है. 29 सीट के अतिरिक्त सभी सीट को रिक्त मानते हुए नये सिरे से नामांकन की तैयारी शुरू कर दी गयी है. इस संबंध में जानकारी देते हुए कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ सत्यरूपा श्रीवास्तव ने कहा कि नयी मेरिट लिस्ट तैयार करायी जा रही है. एक कर्मचारी की वजह से यह गलती हो गयी, इसे सुधार लिया गया है. अब हम नये सिरे से इन सीटों पर नामांकन लेने की प्रक्रिया शुरू करने जा रहे हैं.

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