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जमशेदपुर : उपेंद्र सिंह के करीबी सोनारी शिवगंगा अपार्टमेंट निवासी अमित राय की हत्या मामले में एडीजे-5 की अदालत ने अपराधी अखिलेश सिंह के सहयोगी सुधीर दूबे, कन्हैया सिंह, मोहन यादव और संजीव गोराई को मंगलवार को आजीवन कारावास की सजा सुनायी. इस मामले में मोहन यादव और संजीव गोराई पर कोर्ट ने धारा 302 […]

जमशेदपुर : उपेंद्र सिंह के करीबी सोनारी शिवगंगा अपार्टमेंट निवासी अमित राय की हत्या मामले में एडीजे-5 की अदालत ने अपराधी अखिलेश सिंह के सहयोगी सुधीर दूबे, कन्हैया सिंह, मोहन यादव और संजीव गोराई को मंगलवार को आजीवन कारावास की सजा सुनायी. इस मामले में मोहन यादव और संजीव गोराई पर कोर्ट ने धारा 302 में 20 हजार और आर्म्स एक्ट में पांच-पांच हजार रुपये जुर्माना की सजा भी सुनायी है. वहीं दो अन्य अभियुक्त अजीत मंडल और संजय सोना काे साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. सभी आरोपियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेशी हुई.
इस हत्याकांड में कोर्ट में नौ लोगों की गवाही करायी गयी. घटना छह दिसंबर 2017 की है. इस केस में अमित राय के पिता नागेंद्र राय के बयान पर अखिलेश सिंह, कन्हैया सिंह, सुधीर दूबे, संजीव गोराई, अजीत मंडल, संजय सोना, मोहन यादव पर अमित की गोली मार कर हत्या करने का केस सोनारी थाना में दर्ज कराया गया था. इस हत्याकांड के मास्टर माइंड अखिलेश सिंह पर अलग से केस चल रहा है.
फैसलै के विरोध में हाइकोर्ट जायेंगे : विद्या सिंह
अखिलेश सिंह के अधिवक्ता विद्या सिंह ने बताया कि इस फैसले के विरोध में वे हाइकोर्ट में अर्जी दाखिल करेंगे. श्री सिंह ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने अर्जुन पोद्दार और भीम पोद्दार को आई विटनेश बनाया था, लेकिन दोनों की गवाही नहीं करायी. दोनों की गवाही कराने के लिए विद्या सिंह ने एडीजे- पांच की कोर्ट में अर्जी दाखिल की. जिसके बाद एडीजे- 5 की कोर्ट ने उसे रिजेक्ट कर दिया.
इसके बाद श्री सिंह ने गवाही के लिए हाइकोर्ट में अर्जी दी. इसके बाद हाइकोर्ट ने 15 दिनों के भीतर दोनों की गवाही कराने का आदेश दिया. अादेश के बाद दोनों गवाह की कोर्ट में गवाही करायी गयी. गवाही के दौरान दोनों एक भी अभियुक्त को पहचान नहीं पाये. उन दोनों ने कोर्ट को बताया था कि हत्या करने वाले युवक पतले और लंबे थे.
सोनारी में घर से कुछ दूरी पर हुई थी अमित की हत्या
सोनारी के शिवगंगा अपार्टमेंट निवासी अमित राय को छह दिसंबर 2017 की रात उसके फोन पर एक कॉल आया. वह मोबाइल पर बात करते हुए अपार्टमेंट से बाहर आया. उसी दौरान वहां पहले से घात लगाये बैठे अपराधियों ने अमित राय को उसके घर से कुछ दूरी पर ताबड़तोड़ चार गोली मारी और अंधेरा का फायदा उठाते हुए वहां से फरार हो गये.
गोलियों की आवाज सुन अमित राय के पिता जब घर से बाहर निकले तो अमित को खून से लथपथ पड़ा हुआ पाया. उसे तत्काल टीएमएच लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. घटना के बाद सोनारी पुलिस ने घटनास्थल से एक नाइन एमएम की स्वचालित लोडेड पिस्तौल बरामद की थी, जो अमित की थी.
अखिलेश सिंह के गुर्गों की दे रहा था सूचना
बताया जाता है कि पहले अमित राय कुख्यात अखिलेश सिंह के लिए काम करता था. वह अखिलेश के काफी करीबी था. लेकिन बाद में उसने अखिलेश सिंह का साथ छोड़ उसके विरोधी उपेंद्र सिंह से हाथ मिला ली. बाद में वह पुलिस को अखिलेश सिंह के गुर्गों और उसके कारोबार के बारे में जानकारी देने लगा था. इसे लेकर अखिलेश सिंह और सुधीर दूबे ने उसे समझाया भी था, लेकिन वह नहीं माना.
इसके बाद से अमित राय अखिलेश सिंह के निशाने पर था. 29 नवंबर 2017 काे कोर्ट परिसर के बार भवन में उपेंद्र सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. उस दौरान अमित राय ने टीमएमएच में हंगामा किया था और अखिलेश सिंह के खिलाफ अपने गुस्से का इजहार किया था.

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