सूत्रों के मुताबिक टाटा स्टील के अलावा जिंदल स्टील, आर्सेलर मित्तल, एसएसजी इंटरनेशनल, पोस्को व लिबर्टी हाउस की ओर से भी अपनी दावेदारी पेश की गयी है. बैंकों के घाटे को देखते हुए इस कंपनी को एनसीएलटी में ले जाया गया है, जिसको हाल ही में भारत सरकार ने बायफर व आयफर से हटकर गठित की गयी है. बताया जाता है कि एस्सार स्टील हजीरा का भारत के एक हिस्सा में सबसे बड़ा फ्लैट प्रोडक्ट स्टील बनाने वाला प्लांट है.
वैसे पूरे ग्रुप के पास हजीरा प्लांट के अलावा 30 मिलियन टन प्रति वर्ष का प्लांट है जबकि यहां ऑल वेदर, डीप ड्राफ्ट, ड्राइ बल्क पोर्ट, 515 मेगावाट का नेचुरल गैस से संचालित पावर प्लांट भी है. एस्सार स्टील के हजीरा प्लांट की कीमत करीब 30 हजार करोड़ रुपये है. एस्सार स्टील के हजीरा प्लांट की क्षमता करीब 10 मिलियन टन का है. हजीरा प्लांट के अलावा एस्सार स्टील के पास पुणे में एक डाउनस्ट्रीम कैपेबिलिटी हब, छत्तीसगढ़ के बाइलादिला और दाबुना के ओड़िशा में बेनीफिशियन प्लांट है जबकि आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में पिलेट का मैनुफैक्चरिंग प्लांट, ओड़िशा के पारादीप में एक पिलेट प्लांट भी है.
टाटा स्टील वर्तमान में 13 मिलियन टन का प्रोडक्शन भारत में करती है, जिसमें जमशेदपुर में 10 मिलियन टन और करीब 3 मिलियन टन ओड़िशा के कलिंगानगर में करती है. टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने पहले ही कहा था कि टाटा स्टील चाहती है कि अगले पांच साल में टाटा स्टील का प्रोडक्शन दोगुना होगा. एस्सार स्टील के खरीदे जाने के बाद पश्चिमी भारत में टाटा स्टील की पकड़ और मजबूत हो जायेगी.