हजारीबाग. शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बुधवार की रात एक पति अपनी गर्भवती पत्नी की जान बचाने के लिए ऑपरेशन थियेटर का दरवाजा पीटता रहा. वहीं डॉक्टर व नर्स ओटी के अंदर गहरी नींद में सोते रहे. आधा से पौन घंटा तक दरवाजा खटखटाने के बाद भी गर्भवती महिला के परिजनों को कोई मदद नहीं मिली, तब वे थक हार कर गर्भवती महिला को निजी नर्सिंग होम में चले गये. इस घटना के बाद शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल की व्यवस्था की पोल खुल कर रख दी है.
क्या है मामला
चलकुशा के मनीषा कुमारी (पति बिनोद कुमार साव) प्रसव कराने के लिए शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल बुधवार की आधी रात पहुंचे थे. गर्भवती महिला प्रसव पीड़ा से तड़प रही थी. इमरजेंसी में बैठे चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों ने कहा कि महिला का हिमोग्लोबिन की मात्रा कम है. गर्भ में पल रहे बच्चे के स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है. चिकित्सक ने अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर में बैठे महिला चिकित्सक से सलाह लेने की अपील की. इसके बाद बिनोद साव ऑपरेशन थियेटर पहुंचे. वहां पर ऑपरेशन थियेटर का दरवाजा बंद था. प्रसव से तड़प रही महिला का पति बार-बार ऑपरेशन थियेटर का दरवाजा पीट-पीट कर डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों को उठाने का प्रयास करता रहा. यह प्रयास करीब 45 मिनट तक चलता रहा. लेकिन कोई भी मेडिकल स्टाफ इस परिवार के दर्द को समझने के लिए सामने नहीं आया. अंत में गुरुवार तड़के 3:13 बजे पर शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल से निकल कर निजी नर्सिंग होम चले गये.
डीसी ने किया जांच कमेटी का गठन
इस घटना को लेकर डीसी शशि प्रकाश सिंह ने जांच के आदेश दिये हैं. इसके बाद शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन ने तीन सदस्यीय चिकित्सकों की जांच टीम गठित की है. अस्पताल अधीक्षक अनुकरण पूर्ति ने कहा कि जांच टीम को 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट मांगी गयी है. दोषी चिकित्सक और कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. इधर सांसद मनीष जायसवाल ने इस घटना को लेकर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दिन-प्रतिदिन अव्यवस्था बढ़ती जा रही है. झारखंड सरकार स्वास्थ्य को लेकर गंभीर नहीं है. झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री को भी घटना को लेकर जानकारी दी गयी है.
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