JAC Board 12th Science Topper| बड़कागांव, संजय सागर: बड़कागांव पूर्वी पंचायत के ग्राम पंकरी बरवाडी निवासी छत ढलाई मजदूर साइनाथ साह के पुत्र 17 वर्षीय किशोर कुमार ने झारखंड जैक इंटर साइंस परीक्षा में 474 अंक लाकर झारखंड राज्य में तीसरा स्थान हासिल किया. किशोर कुमार बड़कागांव प्लस टू हाई स्कूल के छात्र हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत से पूरे हजारीबाग का नाम रौशन किया है.
माता-पिता और शिक्षकों को दिया सफलता का श्रेय
किशोर कुमार ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता एवं शिक्षकों को दिया है. किशोर कुमार की सफलता पर पूर्वी पंचायत की मुखिया विमला देवी ,प्लस टू हाई स्कूल के प्राचार्य कृष्ण कन्हैया ,शिक्षक अशोक कुमार राम, मनीष चंद्र पांडेय, निकास रजवार ,मदन कुमार, प्रबंधन समिति के अध्यक्ष कुलवंत सिंह, पूर्व अध्यक्ष संदीप सिंह ,मुखिया प्रतिनिधि राजकुमार साव एवं अन्य शिक्षकों ने उन्हें मिठाई खिलाकर बधाई दी है.
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बिना ट्यूशन बने थर्ड स्टेट टॉपर
किशोर कुमार ने प्रभात खबर से बातचीत में कहा कि बिना कोचिंग और ट्यूशन के भी विद्यार्थी सफलता अर्जित कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि मैं सिर्फ स्कूल में पढ़ाई करने के बाद अपने घर में स्वाध्याय करता था. मैंने कोई कोचिंग या ट्यूशन नहीं ली. किशोर ने कहा कि अगर विद्यार्थी मन लगाकर पढ़ाई करें और शिक्षकों का गाइडलाइन लेते रहे, तो उन्हें सफलता अर्जित करने से कोई नहीं रोक सकता.
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इंजीनियर बनना है किशोर का सपना
किशोर ने कहा कि मेरा लक्ष्य इंजीनियर बनना है. आगे पढ़कर आईआईटीएन बनना मेरा सपना है. मुझे इतनी बड़ी सफलता की उम्मीद नहीं थी. मैं सिर्फ मन लगाकर पढ़ाई करता करता गया. किशोर ने अपनी पढ़ाई बड़कागांव ठाकुर मोहल्ला स्थित संगम पब्लिक स्कूल से की थी, जहां उन्होंने आठवीं तक पढ़ाई की. इसके बाद किशोर ने सरगम इंटरनेशनल स्कूल से दसवीं की परीक्षा दी. वह सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा में प्रखंड टॉपर था. किशोर ने नर्सरी से लेकर इंटर तक की परीक्षा में अब तक हमेशा प्रथम स्थान प्राप्त किया है. उसे पेटिंग करने का भी शौक है.
मजदूरी कर बेटे को पढ़ाया
बता दें कि किशोर अत्यंत गरीब परिवार से संबंध रखते हैं. उनके पिता सैईनाथ साव छत ढलाई में मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करते हैं. साथ ही बच्चों की पढ़ाई का खर्चा उठाते हैं. इस वजह से कई बार किशोर की पढ़ाई विकट परिस्थितियों से भी गुजर चुकी है. लेकिन किशोर के पिता के हौसले अब भी बुलंद हैं. बेटे की सफलता पर उन्होंने कहा कि “अपने बेटे को एक बड़ा अफसर बनाना चाहता हूं. मुझे जो भी करना होगा मैं करुंगा, मैं मेहनत से पीछे नहीं हटूंगा.” वहीं, किशोर की मां माता मालती देवी कहती हैं कि वह हर रोज किशोर को समय पर पढ़ने के लिए उठा देती थी, जिससे वह रूटिन से अपनी पढ़ाई कर सके.
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