29.4 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

झारखंड के इस शिव धाम में पूरी होती है भक्तों की हर मुराद, भगवान विश्वकर्मा ने किया था मंदिर का निर्माण

Akhileshwar Dham: लोहरदगा में स्थित अखिलेश्वर धाम, झारखंड की प्राचीन धरोहर है. इस अमूल्य विरासत का निर्माण खुद भगवान विश्वकर्मा ने किया था. अखिलेश्वर धाम से भक्तों की आस्था जुड़ी है. श्रद्धालु मंदिर के पास स्थित तालाब में स्नान करने के बाद भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करते हैं.

Akhileshwar Dham: झारखंड के लोहरदगा में भगवान शिव का एक प्राचीन मंदिर है, जिसे ‘अखिलेश्वर धाम’ के नाम से जाना जाता है. इस मंदिर में स्थापित नीला रंग का शिवलिंग श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का केंद्र है. पवित्र श्रावण मास में बड़ी संख्या में भक्त शिवलिंग पर जल अर्पित करने अखिलेश्वर धाम पहुंचते हैं. भोलेनाथ के इस पावन धाम का निर्माण स्वयं भगवान विश्वकर्मा ने किया था. मुगलों ने अखिलेश्वर धाम की अनूठी वास्तुकला को काफी नुकसान पहुंचाया था.

भक्तों की हर मुराद होती है पूरी

अखिलेश्वर धाम
अखिलेश्वर धाम (image credit- social media)

झारखंड के लोहरदगा जिले में स्थित हजारों साल पुराना ऐतिहासिक मंदिर है, अखिलेश्वर धाम. यह शिवालय विशाल तालाब और खूबसूरत चट्टानों से घिरा एक आकर्षक धार्मिक पर्यटन स्थल है. यहां सावन में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. इस मंदिर की अद्भुत नक्काशी और भव्य स्वरूप सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है. इस कारण अखिलेश्वर धाम धार्मिक स्थल के साथ ही पर्यटन स्थल के रूप में भी प्रसिद्ध है.

कहा जाता है कि अखिलेश्वर धाम आने वाले भक्त, मंदिर के पास मौजूद विशाल तालाब में स्नान कर भोलेनाथ की पूजा अर्चना करते हैं. इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग भी काफी अद्भुत है. तीन फीट ऊंचा यह शिवलिंग नीले रंग का है. ऐसी मान्यता है कि शिव के इस धाम में सच्चे मन से पूजा करने पर भक्तों की हर मुराद पूरी होती है.

झारखंड की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

भगवान विश्वकर्मा ने किया था निर्माण

पौराणकि मान्यताओं के अनुसार, कहा जाता है कि भगवान विश्वकर्मा ने स्वयं अखिलेश्वर धाम का निर्माण किया था. यही कारण है कि इस मंदिर के प्रति श्रद्धालुओं में गहरी आस्था है. सावन के दौरान मंदिर में भोलेनाथ की विशेष पूजा अर्चना की जाती है. यहां श्रावणी मेले का भी आयोजन किया जाता है, जिसमें आसपास के क्षेत्र से बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा के दर्शन करने और मेले का आनंद लेने आते हैं. हालांकि, अखिलेश्वर धाम में पूरे साल भक्तों का आना-जाना लगा रहता है. लेकिन सावन के दौरान इस अति प्राचीन मंदिर का महत्व बढ़ जाता है.

इसे भी पढ़ें  राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित होंगे देवघर एम्स के 50 स्टूडेंट्स, प्रबंधन ने शुरु की तैयारियां

मुगलों ने पहुंचाया था नुकसान

ऐसा कहा जाता है कि अपनी अनोखी नक्काशी और भव्य स्वरूप के कारण अखिलेश्वर धाम काफी खूबसूरत नजर आता था. पुराने समय में इस मंदिर के दरवाजा और घंटियां सोने से बने हुए थे. लेकिन भारत में मुगल काल के दौरान लूटे गए अनेकों मंदिर में अखिलेश्वर मंदिर का नाम भी शामिल था. मुगलों ने इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग को भी क्षतिग्रस्त करने की कोशिश की थी. मुगलों ने इस मंदिर में लगे सोने के दरवाजे और घंटियां भी चुरा ली थी.

इसे भी पढ़ें 

झारखंड की सांस्कृतिक विरासत को संजोती ‘बैद्यनाथ पेंटिंग’, बाबा धाम से जुड़े हैं इस अनोखी कला के तार

Rupali Das
Rupali Das
Content Writer at Prabhat Khabar.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel