North Korea Missile Test: उत्तर कोरिया ने रविवार को दो रणनीतिक लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलें दागीं. इसे देश की सरकारी मीडिया ने विदेशी खतरों के खिलाफ लड़ाकू तैयारियों का प्रदर्शन बताया. मिसाइल परीक्षण येलो सी के पश्चिमी तट पर किया गया. KCNA ने बताया कि इस अभ्यास का मकसद लंबी दूरी की मिसाइल इकाइयों की प्रतिक्रिया और लड़ाकू क्षमता की समीक्षा करना था. मिसाइलें दो घंटे से ज्यादा उड़ान भरने में सफल रहीं और राज्य मीडिया ने उनके लक्ष्य पर लगने की तस्वीरें भी दिखाई.
North Korea Missile Test in Hindi: किम जोंग उन ने किया परीक्षण का निरीक्षण
KCNA के अनुसार, उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने इस अभ्यास का खुद निरीक्षण किया. उन्होंने राज्य के परमाणु लड़ाकू बलों के असीम और निरंतर विकास पर जोर दिया. किम ने कहा कि उत्तर कोरिया हमेशा अपने परमाणु बलों के विकास के लिए पूरी मेहनत करेगा. सियोल के जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने बताया कि मिसाइलें सुबह 8 बजे राजधानी प्योंगयांग के पास सुन्नान क्षेत्र से दागी गईं. (North Korea Missile Test Cruise Submarine in Hindi)
🚨🇰🇵 Kim Jong-un supervises long-range strategic cruise missile exercise
— Sputnik India (@Sputnik_India) December 29, 2025
North Korea carried out launches of the missiles in the West Sea of Korea.
The missiles followed pre-set flight paths for for 10,199 seconds and 10,203 seconds before striking their targets. pic.twitter.com/4wjwoVgmDZ
परमाणु पनडुब्बी का प्रदर्शन
पिछले हफ्ते उत्तर कोरिया ने अपनी एक परमाणु पनडुब्बी भी दिखाई. KCNA द्वारा प्रकाशित तस्वीरों में किम जोंग उन अपनी बेटी किम जू ए के साथ 8700 टन वजन की पनडुब्बी के पास खड़े नजर आए. किम ने कहा कि दक्षिण कोरिया द्वारा परमाणु पनडुब्बी बनाना हमले के समान और सुरक्षा तथा समुद्री क्षेत्र का उल्लंघन है.
मिसाइल परीक्षणों की बढ़ती संख्या
विश्लेषकों के अनुसार, उत्तर कोरिया लगातार मिसाइल परीक्षण कर रहा है ताकि अपने हमले की सटीकता बढ़ा सके और अमेरिका तथा दक्षिण कोरिया को चुनौती दे सके. इसके अलावा, हथियारों को रूस को बेचने या सहयोग के लिए परीक्षण करने की संभावना भी है. 2019 में किम और ट्रंप की वार्ता असफल होने के बाद, प्योंगयांग ने खुद को “अपरिवर्तनीय” परमाणु शक्ति वाला देश घोषित किया है.
रूस के साथ गहरे संबंध
किम जोंग उन रूस के साथ अपने रिश्तों को भी मजबूत कर रहे हैं. यह समर्थन उन्हें तब मिला जब उत्तर कोरियाई सैनिक रूस के साथ युद्ध में शामिल हुए थे. विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को संदेश देने के लिए भी है कि उत्तर कोरिया अपनी सैन्य और परमाणु शक्ति बढ़ा रहा है.
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