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वर्चस्व की लड़ाई में हुई हत्या
कटकमसांडी : हजारीबाग कटकमदाग थाना क्षेत्र कुसुंभा गांव में जेपीसी उग्रवादियों ने दो लोगों की गोली मार हत्या कर दी. घटना 30 अक्तूबर की रात्रि 9.15 बजे की है. मृतकों में रूपेश यादव (33 वर्ष, पिता तुलसी यादव) और डेगन तुरी 35 वर्ष, पिता फूलचंद तुरी) का नाम शामिल है. दोनों का शव पुलिस ने […]
कटकमसांडी : हजारीबाग कटकमदाग थाना क्षेत्र कुसुंभा गांव में जेपीसी उग्रवादियों ने दो लोगों की गोली मार हत्या कर दी. घटना 30 अक्तूबर की रात्रि 9.15 बजे की है. मृतकों में रूपेश यादव (33 वर्ष, पिता तुलसी यादव) और डेगन तुरी 35 वर्ष, पिता फूलचंद तुरी) का नाम शामिल है. दोनों का शव पुलिस ने कब्जे में लकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया है. कुसुंभा गांव हजारीबाग मुख्यालय से लगभग 15 किमी दूर पर स्थित है. इस संबंध में एसपी ने भीमसेन टूटी ने कहा कि टीपीसी और जीपीसी के वर्चस्व की लड़ाई में दोनों की मौत हुई है. अनुसंधान जारी है.शीघ्र खुलासा कर दिया जायेगा.
कैसे हुई हत्या : कुसुंभा गांव के भंडराबारी कटहल पेड के पास 30 अक्तूबर को दीवाली की रात गांव के युवकों के साथ मृतक रूपेश और डेगन तुरी जुआ खेल रहे थे. इसी बीच अचानक लगभग 30 की संख्या में जेपीसी उग्रवादी आये और मारपीट करने लगे. जुआ स्थल से 40 फीट की दूरी पर रूपेश यादव और डेगन तुरी को हाथ पीछे बांध कर ले गये. रुपेश को तीन गोली मारी गयी. दो गोली सीने में और एक गोली नाक के पास लगी. डेगन तुरी को दो गोली सीने में मारी.दोनों की मौत घटना स्थल पर हो गयी.अजय तुरी और महेंद्र यादव की डंडा से पिटाई की.
10 मोबाइल सेट ले कर चले गये: जेपीसी उग्रवादियों ने घटना को अंजाम देने के बाद जुआ खेल रहे दस लोगों के मोबाइल लेकर चलते बने. मोबाइन मृतक डेगन तुरी,रूपेश यादव, शशिभूषण पटेल, सुनील तुरी, दिनेश यादव, रंजीत यादव, चौधरी यादव समेत अन्य लोग का था.
पांच मिनट में घटना को अंजाम दिया : मृतक रूपेश यादव का भाई हरिनाथ यादव ने बताया कि उग्रवादियों ने पांच मिनट में ही पूरी घटना को अंजाम दिया. उन्होंने कहा कि मेरा भाई रूपेश यादव छोटा मोटा ठेकेदारी करते थे. डेगन तुरी भी इसी तरह ठेकेदारी का काम करता था.जेपीसी ने उग्रवादियों ने मेरे भाई की हत्या क्यों की है इसका स्पष्ट जानकारी मेरे पास नहीं है.
घटनास्थल से तीन खोखा बरामद : इंस्पेक्टर खुर्शीद आलम ने बताया कि घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस दल बल के साथ वहां पहुंची. वहां से पुलिस को तीन खोखा मिला है.शव को कब्जे में लेकर पोस्ट मार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया है.
गांव में पसरा मातम : कुसुंभा गांव में रूपेश यादव और डेगन तुरी की मौत से मातम पसरा है. लोगों दहशत में है. दोनों के परिजनों का बुरा हाल है. खुशियों का पर्व दीवाली उनके लिये शोक में बदल गया. रूपेश की पत्नी सविता देवी, बेटी ममता कुमारी, कोयल कुमारी, करिश्मा कुमारी और पुत्र अमर यादव रो रोकर परेशान है. वहीं डेगन तुरी की पत्नी पैरवी देवी, बेटा चंदन तुरी, राहुल तुरी और बेटी खुशबू कुमारी दुख से बेहाल हो रहे हैं.
जेपीसी के जोनल कमांडर की भी हुई हत्या : कुसुंभा गांव दो मई 2014 को जेपीसी के जॉनल कमांडर बादल उर्फ राजेश और इसके अंगरक्षक अशोक उरांव की भी हत्या टीपीसी उग्रवादियों ने की थी.
कटकमसांडी कटकमदाग थाना क्षेत्र में उग्रवादियों के वर्चस्व की लड़ाई : पांच मई 2012 को जेएलटी सुप्रीमो सूर्य देव उर्फ काना की हत्या बलबल नदी पर की गयी थी. 10 अगस्त 2012 मो जेपीसी सुप्रीमो कलजीत गंझू की हत्या, 10 जनवरी 2015 को जेपीसी सुप्रीमो गुड्डू गंझू की हत्या, 10 अप्रैल 2008 में माओवादी जोनल कमांडर कृष्णा यादव की हत्या,29 मई 2013 को महेश यादव की हत्या, 19 अगस्त 2013 को शाहपुर मुखिया तापेश्वर साव की हत्या, 13 मई 2012 को डाटो मुखिया चेतनारायण यादव की हत्या,2007 में जमुना साव की हत्या, 2004 में अशोक सिंह की हत्या, 2009 में शिक्षक केदार सिंह की हत्या, 2006 में विनोद ओझा की हत्या, 2008 में छकौड़ी गंझू की हत्या, 2008 में डहुरी के जगेश्वर भुइयां की हत्या, 2009 में सुलमी के रेलवे मुंशी इंदीवर मिश्रा की हत्या,21 मार्च 2016 को बड़कागांव के हेमंत गंझू की हत्या शामिल है.
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