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योगेंद्र की फैक्टरी में था उग्रवादियों का प्रशिक्षण कैंप

हजारीबाग : उग्रवादी संगठन झारखंड टाइगर ग्रुप और झारखंड बचाओ आंदोलन के प्रशिक्षक राजू साव से पुलिस ने तीसरे दिन भी पूछताछ की. राजू साव ने बताया कि पूर्व कृषि मंत्री योगेंद्र साव की फैक्टरी में उग्रवादियों का प्रशिक्षण कैंप था. केरेडारी के जैमरा जंगल में योगेंद्र साव की फायरक्ले फैक्टरी है. पूरा परिसर 10 […]

हजारीबाग : उग्रवादी संगठन झारखंड टाइगर ग्रुप और झारखंड बचाओ आंदोलन के प्रशिक्षक राजू साव से पुलिस ने तीसरे दिन भी पूछताछ की. राजू साव ने बताया कि पूर्व कृषि मंत्री योगेंद्र साव की फैक्टरी में उग्रवादियों का प्रशिक्षण कैंप था. केरेडारी के जैमरा जंगल में योगेंद्र साव की फायरक्ले फैक्टरी है. पूरा परिसर 10 फीट ऊंची चहारदीवारी से घिरा हुआ है. सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इसी परिसर में दोनों संगठनों के सदस्यों को संयुक्त रूप से प्रशिक्षण देने का काम होता था. दोनों संगठनों का प्रशिक्षक खुद राजू साव था.

* ठुटुंगवा जंगल में बनती थी योजना

पूछताछ में राजू साव ने बताया कि केरेडारी के ठुठुंगवा में पूर्व कृषि मंत्री की पैतृक जमीन है. किसी घटना को अंजाम देने के लिए दोनों उग्रवादी संगठन के सदस्य यहीं योजना बनाते थे. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, राजू साव का इतना खौफ था कि झारखंड टाइगर ग्रुप का सरगना राजकुमार गुप्ता भी उससे डरता था. एक दिन राजू साव ने प्रशिक्षण के दौरान राजकुमार गुप्ता को डांटा, तो वह फायरक्ले फैक्टरी की दीवार फांद गया था.
* आज पहुंचेगी सीआइडी की टीम
सीआइडी की टीम योगेंद्र साव प्रकरण की जांच करने मंगलवार को हजारीबाग पहुंचेगी. गिद्दी थाने में दर्ज मामले (कांड संख्या-48/14) की जांच शुरू करेगी. सीआइडी के एडीजी एसएन प्रधान ने सोमवार को सीआइडी जांच से संबंधित आदेश जारी कर दिया है. एडीजी श्री प्रधान ने बताया कि सीआइडी के एएसपी अनुरंजन केस्पोट्टा को मामले का अनुसंधानक बनाया गया है.
इंस्पेक्टर रैंक के दो पदाधिकारी उन्हें सहयोग करेंगे.
सीआइडी के एसपी एम तमिल वानन मामले का सुपरविजन करेगी. श्री केस्पोट्टा हजारीबाग जाकर मामले की विधिवत जांच शुरू करेंगे. अब तक इस मामले की जांच हजारीबाग पुलिस कर रही थी. योगेंद्र साव पर उग्रवादी संगठन बनाने, कोयला ट्रांसपोर्टर बबलू मुंडा की हत्या की सुपारी देने का भी आरोप है. पुलिस ने इस मामले में योगेंद्र साव के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट हासिल कर चुकी है. योगेंद्र साव फरार हैं. उनकी पत्नी ने मुख्यमंत्री से मिल कर मामले की जांच दूसरी एजेंसी के कराने का आग्रह किया था. इसके बाद मुख्यमंत्री ने मामले की सीआइडी जांच का आदेश दिया था.
* सीआइडी कर रही थी जांच में मदद : योगेंद्र साव मामले की जांच में सीआइडी के अधिकारी अब तक हजारीबाग पुलिस की मदद कर रहे थे. सीआइडी की रिपोर्ट के आधार पर हजारीबाग पुलिस ने अनुसंधान में नये बिंदुओं को जोड़ा था. सीआइडी के एसपी एम तमिल वानन ने हजारीबाग जाकर मामले की जांच की थी. तथ्यों के आधार पर हजारीबाग पुलिस को जरूरी दिशा-निर्देश दिये थे.

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