हजारीबाग : सीआरपीएफ 22 बटालियन के प्रांगण में सोमवार को पुलिस स्मरण दिवस मनाया गया. कमांडेंट राकेश कुमार सिंह, उप कमांडेंट विपिन कुमार सिंह, अधिकारी व जवानों ने बाबा पथ हुरहुरु में शहीद सुभाष सौरव बारला की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किया. उस वक्त शहीद की मां पूनम बाला भी उपस्थित थी. इसके बाद बटालियन मुख्यालय में शहीद स्थल, क्वार्टर गार्ड पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गयी. साथ ही दो मिनट का मौन रख कर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गयी.
कमांडेंट राकेश कुमार सिंह ने शहीद सुभाष सौरभ बारला की बहादुरी व सीआरपीएफ में उसकी भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला. सुभाष सौरव बारला जम्मू एवं कश्मीर के लद्दाख के हाट स्प्रिंग नामक जगह पर 21 अक्तूबर 1959 को तिब्बत सीमा पर चीनी फौज का बहादुरी से मुकाबला करते हुए मातृभूमि की रक्षा करते शहीद हुए थे. वे सीआरपीएफ की तीसरी बटालियन कंपनी थे.
उनके साथ 21 और जवान लड़ाई लड़ रहे थे. उनके साथ 10 वीर जवानों शहीद हुए थे. उन्हीं की याद में 21 अक्तूबर को पुलिस स्मरण दिवस मनाया जाता है. मौके पर ग्रुप केंद्र सीआरपीएफ रांची में रक्तदान शिविर लगाया गया, जिसमें वाहिनी के जवानों ने रक्तदान किया. हजारीबाग. लालयार रोड में आतंकवादियों से मुकाबला करते हुए शहीद हुए जगदीश कच्छप को बीएसएफ मेरू की ओर से उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया गया. अध्यक्षता प्राचार्य डाॅ विमल कुमार मिश्र ने किया. प्रोफेसर इंचार्ज डॉ अजीत कुमार पाठक ने कहा कि शहीद जगदीश कच्छप काॅलेज के पूर्ववर्ती छात्र थे.
उनकी वीरता पर कॉलेज परिवार उनके साथ है. बीएसएफ, मेरू के एचसी श्याम देव प्रसाद ने कहा कि हमलोग सभी शहीदों को 21 अक्तूबर को निर्धारित स्थलों पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं. इस अवसर पर शहीद कच्छप की धर्मपत्नी शांति कच्छप, भाई बसंत कच्छप, एनसीसी के कैडेट्स समेत काॅलेज के छात्र उपस्थित थे.