अजय ठाकुर, चौपारण
चौपारण प्रखंड ग्राम मोरेनिया निवासियों को शादी का भोज खाना उस समय महंगा पड़ गया, जब मड़वा का भात खाने के कुछ ही देर बाद 40 लोग बीमार पड़ गये. किसी को सर में दर्द हो रहा था. तो कोई उल्टी-दस्त से परेशान रहा. गांव में रात भर अफरा तफरी मची रही. सुबह होते ही सामुदायिक अस्पताल की स्वास्थ्य टीम पहुंचकर बीमार लोगों का इलाज किया.
चंद्रिका सिंह के बेटे की थी शादी
गांव में चंद्रिका सिंह अपने बेटे पिंटु सिंह के शादी में मड़वा में बुधवार को गांव वालों को भोजन का निमंत्रण दिया था. भोजन करने के कुछ देर बाद लोग बीमार पड़ने लगे. जानकारी होते ही दैहर पंचायत के उपमुखिया बबन सिंह ने सहयोग कर कुछ लोगो को परसौनी में एक प्राइवेट क्लीनिक में उपचार कराया. इसी बीच डॉ अभिषेक, रणधीर राणा, अशोक कुमार, नर्स पूजा कुमारी के साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम मोरेनिया पहुंच गयी. स्वास्थ्य टीम ने घर-घर जाकर बीमार लोगों का प्राथमिक उपचार किया.
कौन कौन लोग हुए बीमार
मड़वा के भात खाने दुलार सिंह, राजेश सिंह, शंकर सिंह, देवकी सिंह, दशरथ सिंह, मंजू देवी, मुनिया देवी, सुमनी देवी, नीरू सिंह, खेमलाल सिंह, काजल कुमारी, मुन्नी कुमारी, सपना कुमारी, मधु कुमारी, अजय सिंह, सत्या देवी, अर्चना कुमारी, ममता देवी, विनोद सिंह, कामख्या सिंह व 15 बच्चों सहित करीब 40-45 लोग बीमार हो गये थे.
मोरनिया गांव में नहीं है बुनियादी सुविधाएं
प्रखंड मुख्यालय से 26 किमी की दूरी पर चोरदाहा पंचायत के ग्राम मोरनिया में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. गांव की कुल आबादी 109 है. सड़क नहीं, शिक्षा का मंदिर भी ढाक के तीन पात है. इस गांव में पीने के पानी का घोर अभाव है. गांव में एक गहरा कुआं है जो आज के दिन सुखने के कगार पर है. झारखंड-बिहार के सीमा पर जंगल मे बसे मोरनिया गांव बिहार के गया जिले के बाराचट्टी के चापि, शखवा गांव के समीप है. गांव को दरंगा, छरछरा, कावड़िया पिटिनसोत पठार बंटवारा करता है. मोरनिया इन पठारों के बीच बसे गांव में प्रतिबंधित संगठन का चहलकदमी रहता है.
कुआं का गंदे पानी पीने से लोग हुए बीमार
कुआं का गंदा पानी से बना भोजन खाने के बाद लोग बीमार पड़ गये थे. इलाज के बाद सभी लोग ठीक है. उक्त बातें मोरेनिया इलाज के लिए गयी स्वास्थ्य टीम में शामिल डॉ अभिषेक, डॉ सरवर ने कहा. टीम ने बताया कि कुआं का पानी विषाक्त होकर हरा रंग का हो चुका है. इसी पानी से भोजन बनाया गया था और पीने का भी उपयोग किया गया था. जिससे फूड प्वाइजनिंग से लोग बीमार हो गये.