संजय सागर, बड़कागांव
गगनचुंबी पर्वत मालाओं से पत्थरों को काटते-चीरते हुए झरने बरबस ही लोगों का मन मोह लेता है. बड़कागांव प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में दर्जनों जलप्रपात व झरना है, जिससे पन बिजली उत्पादन हो सकता है. फिलहाल ये जल प्रपात व झरने नव वर्ष में पिकनिक मनाने वालों के स्वागत के लिए तैयार है.
डूमारो जलप्रपात
यह बड़कागांव प्रखंड मुख्यालय से 6 किलोमीटर दूर डूमारो में स्थित है. डूमारो गुफा के बगल में लगभग 100 मीटर ऊंची पर्वत से पानी गिरता है. जिस स्थल पर पानी गिरता है, वहां छोटी सी झील बन गयी है. उस झील से लगभग 100 मीटर पहाड़ से नीचे पानी गिरता है. जो चट्टानों व पहाड़ों को काटते हुए डूमारो नदी में जा गिरता है. इस कारण यहां दर्जनों झरने बन गये. जिसे देख कर लोगों को काफी रमणीक लगता है. झरने की कल-कल, छल-छल करती आवाज दूर से ही लोगों को सुनाई देने लगती हैं. डूमारो नदी का उद्गम स्थल डूमारो जलप्रपात ही है. यह नदी दामोदर नदी की सहायक नदी है.
बन्दरचुवां जल प्रपात
बंदरचुवां जलप्रपात बुढ़वा महादेव पहाड़ से सटे अंबा पहाड़ पर स्थित है. यहां बरसात के दिनों में काफी ऊंचाई से पानी गिरता है. जो बड़कागांव से ही दिखाई देने लगता है. लेकिन सरकारी उपेक्षा का दंश झेल रहा है. इसी तरह बड़कागांव उरीमारी रोड स्थित जरजरा जंगल में जलप्रपात है. यहां भी गर्मी हो या बरसात लगभग 35 मीटर की ऊंचाई से पानी गिरता रहता है. बरसो पानी के स्थल के बगल में कई छोटे-छोटे झरने हैं. जो लोगों का मन मोह लेते हैं. फिलहाल यहां पर पिकनिक मनाने वालों की संख्या दिनोंदिन बढ़ रही है.
टिपटिप वर्षा
बड़कागांव उरीमारी रोड स्थित मल्डीजंगल के पास यह टिप-टिप वर्षा स्थल है. यहां गर्मी हो या बरसात पानी हमेशा टिप टिप बारिश की तरह टपकते रहता है. जबकि इसके इर्द-गिर्द में जल का स्रोत नहीं है. यह भी बरसोपानी की तरह हैरतअंगेज स्थल है.