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दीपावली को लेकर गुमला के 250 कुम्हार परिवार दीया व खिलौना बनाने में जुटे, 25 लाख दीया बनाने का रखा लक्ष्य

दीपावली को देखते हुए गुमला जिले में करीब 250 कुम्हार परिवार मिट्टी का दीया बनाने में जुट गये हैं. इसबार करीब 25 लाख दीया बनाने का लक्ष्य रखा गया है. हालांकि, बारिश ने इस परिवार को चिंता जरूर बढ़ा दी है, लेकिन आशा है कि जल्द ही मौसम साफ होगा और उनके बनाये दीये बाजारों में पहुंच जायेंगे.

Jharkhand News (जगरनाथ/अंकित, गुमला) : दीपावली पर्व को लेकर गुमला जिला में तैयारी शुरू हो गयी है. पर्व को लेकर कुम्हारों ने मिट्टी का दीया बनाने का काम शुरू कर दिया है. हर साल दीपावली पर्व के दौरान जिले भर के लगभग 250 कुम्हार परिवार 20 से 25 लाख मिट्टी का दीया एवं खिलौने सहित पूजा में उपयोग होने वाली मिट्टी के विभिन्न प्रकार के सामान बनाते हैं और खुले बाजार में बिक्री करते हैं. इस वर्ष भी संभावना है कि 20 से 25 लाख तक मिट्टी का दीया बनाया जायेगा.

इधर, हर बदलते साल के साथ दीया की कीमत भी बढ़ रही है. छह-सात साल पहले तक मिट्टी का दीया (मिडियम साईज) प्रति सैकड़ा 20 से 25 रुपये की दर से बिक्री होता था. इसके बाद वर्ष 2019 तक प्रति सैकड़ा 30 से 40 रुपये की दर से बिक्री हुआ है. लेकिन, वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के रोकथाम को लेकर लगे लॉकडाउन कारण दीया के कीमत में और भी उछाल आया और प्रति सैकड़ा 50 से 70 रुपये की दर से बिका.

वर्तमान में दीया की कीमत और भी बढ़ गयी है. वर्तमान में दीया सैकड़ा से नहीं, बल्कि दर्जन के हिसाब से बिक्री हो रहा है. प्रति दर्जन लगभग 15 रुपये की दर से बिक्री हो रहा है. वहीं, छोटा दीया 10-12 रुपये दर्जन एवं बड़ा दीया 8 से 10 रुपये प्रति पीस की दर से बिक्री हो रहा है. इसके अलावा कुम्हारों द्वारा मिट्टी का खिलौना भी बनाया जा रहा है. जिसकी कीमत छोटा एवं बड़ा खिलौना के हिसाब से प्रति पीस पांच से 10 रुपये है. वहीं, ग्वाला 20 से 60 रुपये प्रति पीस तक का बनाया जा रहा है.

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क्या कहते हैं कुम्हार

गुमला के कुम्हार मनु प्रजापति, कालीचरण प्रजापति, कृष्णा प्रजापति एवं टोटो के कुम्हार संतोष प्रजापति ने बताया कि गुमला जिला में विगत कुछ वर्षों से कुम्हारों की स्थिति ठीक नहीं है. दीपावली एवं छठ पर्व को लेकर मिट्टी का कई सामान बनाते हैं. परंतु विगत कुछ वर्षों से चाइनिज लाईट की चकाचौंध वाली रोशनी से कुम्हारों के जीवन-यापन में अंधेरा लाने का काम कर रहा है. दीपावली पर्व में लोग मिट्टी दीया का उपयोग कम और चाइनिज लाईट का उपयोग ज्यादा कर रहे हैं. जिस कारण कुम्हारों द्वारा बनाया गया मिट्टी का सामान का बिक्री कम हो गया है. जिसका विपरीत प्रभाव कुम्हारों के जीवन-यापन पड़ रहा है. यदि यही स्थिति रही, तो कुम्हारों को अपना पारंपरिक काम को छोड़कर किसी दूसरे जगह पर मजदूरी करना पड़ेगा.

कुम्हारों का दीपावली मेला लगने की संभावना कम

वर्ष 2020 की भांति इस वर्ष भी संभावना कम है कि गुमला शहर में जिला कुम्हार संघ का दीपावली मेला लगेगा. बता दें कि वर्ष 2019 में शहर के पटेल चौक में जिला कुम्हार संघ का दीपावली मेला लगा था. जिसमें कुम्हारों द्वारा मिट्टी से विभिन्न प्रकार के सामानों का स्टॉल लगाया गया था. संघ के बैनर तले लगे मेला में कुम्हारों को काफी अच्छी आमदनी हुई थी. उस समय मेला में लगभग डेढ़ लाख रुपये का व्यवसाय किया था.

इसके बाद वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के कारण मेला नहीं लग पाया. इसके बाद इस वर्ष भी मेला लगने की संभावना कम ही है. संघ के जिला अध्यक्ष राजीव रंजन महतो ने बताया कि मेला के संबंध में संघ से अभी तक निर्णय नहीं लिया गया है. कोरोना महामारी को लेकर सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देश को देखते हुए मेला के संबंध में निर्णय लिया जायेगा.

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गुमला में 70 प्रतिशत तक चाइनिज लाइट की डिमांड घटी

जिले में चाइनिज लाइट की डिमांड घट रही है. वर्ष 2019 तक जिले में चाइनिज लाइट की डिमांड अच्छी-खासी रही. लेकिन, वर्ष 2020 से कोरोना महामारी को लेकर लगे लॉकडाउन के कारण चाइनिज लाइट की डिमांड घटती जा रही है. चाइनिज सामानों की विक्रेता दुकानदारों की माने, तो अब लगभग 70 प्रतिशत तक चाइनिज सामानों की डिमांड घट गयी है. पूर्व में जो व्यवसायी जहां लाखों रुपये का चाइनिज सामान मंगाते थे. वहीं अब काफी कम मात्रा में मंगा रहे हैं.

चौधरी इलेक्ट्रॉनिक के संचालक मनोज कुमार ने बताया कि लॉकडाउन से पहले चाइनिज सामानों की मांग काफी अच्छी थी. लेकिन, लॉकडाउन के बाद चाइनिज सामानों की मांग घट गयी है. उन्होंने बताया कि विगत वर्ष चाईना एवं भारत के बीच हुए विवाद के कारण स्थानीय लोग अब चाइनिज आईटम से मुंह फेर रहे हैं. जिसका नतीजा है कि चाइनिज लाइट की डिमांड अब घट गयी है. इसलिए इस दीपावली में काफी कम मात्रा में चाइनिज लाइट मंगा रहे हैं. उन्होंने बताया कि संभावना है कि इस दीपावली फिक्शल लाइट की मांग रहेगी.

Posted By : Samir Ranjan.

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