गुमला. गुमला जिला कांग्रेस कमेटी ने बुधवार को आदिवासी नेता स्व डॉ कार्तिक उरांव की जन्मस्थली लिटाटोली में संविधान बचाओ दिवस का आयोजन किया गया. अध्यक्षता जिलाध्यक्ष राजनील तिग्गा ने की. कार्तिक उरांव व सुमति उरांव की प्रतिमा व समाधि स्थल पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की गयी. मुख्य अतिथि जिला प्रभारी सह पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने कहा कि राष्ट्रीय नेतृत्व के आह्वान पर देशभर में संविधान दिवस मनाया जा रहा है. आज हम सब डॉ कार्तिक उरांव की पवित्र धरती पर संविधान बचाने के संकल्प के साथ एकत्रित हुए हैं. यह वह धरती है, जहां से न्याय, समानता और सामाजिक अधिकारों की लड़ाई के लिए ऊर्जा निकली. संविधान दिवस केवल उत्सव नहीं, आत्ममंथन का अवसर है. आज देश ऐसे मोड़ पर खड़ा है, जहां संविधान के मूल सिद्धांतों, समानता, स्वतंत्रता, धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय को जान-बूझ कर कमजोर करने की कोशिश की जा रही है. आरएसएस और भाजपा के लोग संविधान की आत्मा पर प्रहार कर रहे हैं और लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश में लगे हैं. राजनील तिग्गा ने कहा कि आज कुछ ताकतें देश को तानाशाही की ओर ले जाना चाहती हैं. न्यायपालिका व आयोग पर दबाव है. शिक्षा व इतिहास को बदला जा रहा है, ताकि जनता डर कर चुप हो जाये. उन्होंने कहा कि यह लड़ाई किसी पार्टी की नहीं, बल्कि देश व लोकतंत्र बचाने की लड़ाई है. कार्यक्रम को अनिरुद्ध चौबे, प्रो चंद्रकिशोर खड़िया और दीपनारायण उरांव ने संबोधित किया. वक्ताओं ने कहा कि संविधान के कारण ही आज आम आदमी सम्मान के साथ जी रहा है. कार्यक्रम में पूर्व अध्यक्ष दीपनारायण उरांव, मानिकचंद साहू, प्रखंड अध्यक्ष गुलाम सरवर, नगर अध्यक्ष जय सिंह, एनएसयूआइ अध्यक्ष प्रीति साहू, अल्पसंख्यक अध्यक्ष साहेब वसीम, सीता देवी, प्रो चंद्रकिशोर केरकेट्टा, रोहित उरांव, अनिरुद्ध चौबे, इस्माइल कुजूर, अजीत केरकेट्टा, रफी अली, निलेश उरांव, आदित्य भगत, ब्रजकिशोर उरांव, सगीर आलम, आलोक उरांव, चरलेस लकड़ा, गणेश राम, अभिषेक सोरेंग, सुमन कुमार, बालेश्वर उरांव, तारनिका कच्छप, गंगा उरांव, दिलबहार अंसारी, माधो उरांव, शादाब आलम, अशोक तिग्गा आदि मौजूद थे.
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