Amazing Fact Jharkhand: झारखंड में कई अजब-गजब और रहस्यमयी चीजें हैं. झार-झंखाड़ वाले प्रदेश का नाम ही झारखंड है. यहां नदी, झरना पहाड़ तो लोगों को आकर्षित करते ही हैं, कुछ प्राकृतिक चीजें भी लोगों को अचंभित करती हैं. यहां तक कि वैज्ञानिक भी उस जगह फेल हो जाते हैं. आज हम बात कर रहे हैं, एक ऐसे जल स्रोत की, जहां से भीषण गर्मी के दौरान भी फ्रिज जैसा ठंडा पानी निकलता है. वैज्ञानिकों ने इस रहस्य का पता लगाने की कई बार कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हुए. कहते हैं कि यह शिव की कृपा है कि साल भर यहां से फ्रिज जैसा ठंडा पानी निकलता रहता है.
रांची से 101 किलोमीटर दूर है गुमला का पालकोट
यह जगह झारखंड की राजधानी रांची से करीब 101 किलोमीटर दूर स्थित गुमला जिले के पालकोट में है. यह एक रहस्यमयी जल स्रोत है. पालकोट प्रखंड के इस निर्झर रहस्यमयी जलस्रोत की 2 खास बातें हैं. एक कि साल भर यहां ठंडा-ठंडा पानी बहता है और दूसरी कि इस पानी के स्रोत का अब तक कोई पता नहीं लगा पाया.
भगवान शिव की कृपा से साल भर मिलता है ठंडा पानी
प्रकृति की गोद में बसे गुमला जिले के पालकोट प्रखंड में स्थित इस जल स्रोत के बारे में कहा जाता है कि भगवान शिव की कृपा से यहां साल भर ठंडा पानी मिलता है. इसका स्रोत पालकोट पंपापुर में पहाड़ के नीचे है. इस जलस्रोत की सबसे बड़ी खूबी ये है कि हर मौसम में यहां पानी रहता है. कभी पानी नहीं घटता. जहां पानी जमा होता है, वहां पानी के बीच शिवलिंग भी मौजूद है, जो पर्यटकों और भक्तों दोनों को आकर्षित करता है.
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पालकोट के लिए किसी वरदान से कम नहीं यह निर्झर
पालकोट वासियों के लिए यह निर्झर किसी वरदान से कम नहीं है. पूरे प्रखंड के लोग इसी निर्झर के पानी पर आश्रित हैं. इनके लिए पेयजल का यही एकमात्र स्रोत है. गर्मी में किसी को घर में फ्रिज रखने की जरूरत नहीं होती. पालकोट में जितनी ज्यादा गर्मी पड़ती है, निर्झर का पानी उतना ही ठंडा होता है. पानी का टेस्ट भी बहुत बढ़िया है. गुमला और पालकोट में प्राकृतिक नजारों का आनंद लेने वाले लोग इस निर्झर को देखने भी जरूर आते हैं.
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निर्झर के पानी पर निर्भर है पूरा पालकोट
लोग पानी टेस्ट करते हैं और बताते हैं कि यह काफी मीठा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस निर्झर पानी का सेहत पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता. पूरा पालकोट इसी पानी पर निर्भर है. शादी-ब्याह हो या कोई पार्टी, हर जगह यहीं से पानी की सप्लाई होती है. पहाड़ों के ऊपर से सुरंग के रास्ते पानी नीचे आता है, लेकिन इसका स्रोत कहां है, अब तक कोई इसका पता नहीं लगा पाया.
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