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भाकपा माओवादी 21 सितंबर को 12वीं वर्षगांठ मनायेंगे.तैयारी शुरू हो गयी है. किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं. पालकोट, चैनपुर, बिशुनपुर व रायडीह में माओवादियों का जमावड़ा है. गुमला : प्रतिबंधित नक्सली संगठन एमसीसीआइ व सीपीआइ एमएलपीडब्ल्यू के विलय के 12 वर्ष पूरे होंगे. 21 सितंबर को भाकपा माओवादी 12वीं वर्षगांठ मनायेगा. इसकी […]
भाकपा माओवादी 21 सितंबर को 12वीं वर्षगांठ मनायेंगे.तैयारी शुरू हो गयी है. किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं. पालकोट, चैनपुर, बिशुनपुर व रायडीह में माओवादियों का जमावड़ा है.
गुमला : प्रतिबंधित नक्सली संगठन एमसीसीआइ व सीपीआइ एमएलपीडब्ल्यू के विलय के 12 वर्ष पूरे होंगे. 21 सितंबर को भाकपा माओवादी 12वीं वर्षगांठ मनायेगा. इसकी तैयारी चल रही है. इस दौरान माओवादी किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं. गुमला जिले के पालकोट, चैनपुर, बिशुनपुर व रायडीह में माओवादियों का जमावड़ा है. पालकोट व चैनपुर में माओवादियों को पुलिस ने नुकसान पहुंचाया है. सूचना है कि माओवादी पुलिस से बदला लेने की तैयारी में हैं. भाकपा माओवादी दक्षिणी कोयल शंख जोनल कमेटी के प्रवक्ता बुद्धेश्वर उरांव ने कहा है कि पार्टी गठन के 12 साल हो गये हैं. 21 सितंबर 2004 को हमारी पार्टी भाकपा माओवादी का गठन दो क्रांतिकारी पार्टियां सीपीआइ एमएलपीडब्ल्यूू और एमसीसीआइ के विलय के बाद हुआ था. भाकपा के गठन से शोषित, उत्पीड़ित, मेहनतकश मजदूर-किसान, जनता के अंदर एक नये उत्साह का संचार हुआ. शासक वर्गों के अंदर दहशत पैदा कर दी. घबरा कर शासक वर्गों ने हमारी पार्टी को देश के अंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा घोषित कर अपने बुरे मंसूबों को स्पष्ट कर दिया. हमारी पार्टी को उखाड़ फेंकने के लिए शासक वर्ग हमारे खिलाफ एक भीषण सैनिक हमले की शुरुआत की.
कानून में संशोधन स्वीकार नहीं है
माओवादियों ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री रघुवर दास जनता के हितैषी नहीं है. वे पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने में लगे हुए हैं. इस क्षेत्र की खनिज संपदा को नष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है. सीएनटी-एसपीटी और स्थानीयता कानून में संशोधन कर झारखंड के जल, जंगल व जमीन को विदेशी कंपनियों के हाथों बेचने की पूरी तैयारी की गयी है. इस क्षेत्र की जनता के लिए माओवादी आवाज बुलंद करेगा. जनता के आंदोलन के साथ माओवादी है.
जेजेएमपी पुलिस का संगठन है : माओवादी
इस क्षेत्र में अभी जेजेएमपी लोगों को डरा धमका रहा है. विकास योजनाओं में लूटपाट कर रहा है. जेजेएमपी के अलावा टीपीसी व पीएलएफआइ संगठन भी पुलिस के साथ मिला हुआ है. कई खुफिया गिरोह पुलिस ने बनाया है. इसका मुख्य मकसद माओवादी के खिलाफ काम करना व पुलिस को लाभ पहुंचाना है. जेजेएमपी, टीपीसी व पीएलएफआई को बेनकाब करने की जरूरत है.
इधर, दो उग्रवादियों के मारे जाने की सूचना
रायडीह व पालकोट के सीमावर्ती गांव पीढ़ा चट्टान व बुरजूडीह गांव के जंगल में पीएलएफआइ व भाकपा माओवादी के बीच मुठभेड़ की सूचना है. इसमें पीएलएफआइ के दो उग्रवादियों के मारे जाने की खबर है. पुलिस को भी इसकी जानकारी मिली है. इलाके में माओवादियों के जमावड़ा व पुलिस को फंसाने की योजना को लेकर पुलिस घटना स्थल नहीं गयी है. हालांकि पुलिस का कहना है कि कई दिनों से इलाके में पीएलएफआइ के सबजोनल कमांडर राजन का दस्ता सक्रिय था. उधर, पालकोट के बोराडीह जंगल से माओवादी पीएलएफआइ के इलाके में घुसे. इससे दोनों में मुठभेड़ हुआ और दो पीएलएफआइ के सदस्य मारे गये हैं.
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