::::: व्यवहारकुशल थे प्राचार्य डॉ शशिभूषण प्रतिनिधि, गुमलाप्राचार्य डॉ शशिभूषण अपने व्यवहार कुशलता के कारण छात्र व शिक्षकों के काफी नजदीक थे. अभिभावकों से भी उनका अच्छा तालमेल था. किसी भी काम को वे बड़ी आसानी से करते थे. सभी लोग उन्हें पसंद करते थे. वे गुमला में 1979 ई में आये थे. वे भूगोल विषय पढ़ाते थे. शिक्षकों की कमी के कारण अर्थशास्त्र व अन्य विषय के भी क्लास लेते थे. उनकी पत्नी का नाम रेणु देवी है. दो बेटा पारूल कुमार व राहुल कुमार है. एक बेटी है. जिसकी शादी हो गयी है. बड़ा बेटा पारूल जमशेदपुर में नौकरी करता है. छोटा बेटा राहुल एनजीओ में काम करता है. वर्ष 2012 में जब कॉलेज के प्राचार्य का पद रिक्त हुआ, तो उन्हें प्रभारी प्राचार्य बनाया गया. अपने तीन साल के कार्यकाल में उन्होंने कॉलेज का कायाकल्प कर दिया. बीएड कॉलेज का भवन जो बना हुआ था, उन्होंने नये भवन में बीएड कॉलेज की पढ़ाई शुरू करायी. संसाधन व शिक्षकों की कमी के बावजूद उन्होंने अपने कार्य-कुशलता से अच्छे तरीके से कॉलेज का संचालन किया. शिक्षक व कर्मचारियों का कहना है कि जब से डॉ शशिभूषण प्राचार्य बने. सारा काम सिस्टम से हो रहा था. पुस्तकालय भवन को सुसज्जित किया. कई प्रकार की प्रतियोगिता में कॉलेज के खिलाड़ियों ने प्रतिनिधित्व किया. कॉलेज की समस्याओं को लेकर लगातार रांची विवि व गुमला के प्रशासनिक अधिकारियों को समस्या से अवगत कराते रहे. अभी हाल में ही उन्होंने गुमला में पुलिस पिकेट की स्थापना व कॉलेज परिसर से छात्रावास को भी हटाने की मांग कर चुके थे.
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::::: व्यवहारकुशल थे प्राचार्य डॉ शशिभूषण
::::: व्यवहारकुशल थे प्राचार्य डॉ शशिभूषण प्रतिनिधि, गुमलाप्राचार्य डॉ शशिभूषण अपने व्यवहार कुशलता के कारण छात्र व शिक्षकों के काफी नजदीक थे. अभिभावकों से भी उनका अच्छा तालमेल था. किसी भी काम को वे बड़ी आसानी से करते थे. सभी लोग उन्हें पसंद करते थे. वे गुमला में 1979 ई में आये थे. वे भूगोल […]
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