दुर्जय पासवान, गुमला
गुमला न्यायालय की सलाह के बाद भी ससुराल वाले अपनी बहू को घर नहीं ले गये और कोर्ट परिसर में ही छोड़कर भाग गये. पीड़िता अपने ससुराल जाना चाह रही थी. परंतु ससुराल वाले महिला को बहू मानने से इंकार कर रहे हैं. यह शिकायत खुद पीड़िता ने की है. इस संबंध में पीड़िता ने मंगलवार को गुमला एसपी अंजनी कुमार झा को लिखित आवेदन सौंपी है. जिसमें पीड़िता ने अपने साथ हुई घटनाओं की जानकारी देते हुए कोर्ट की सलाह के बाद भी बहू के रूप में ससुराल द्वारा नहीं अपनाने की शिकायत की है.
पीड़ित महिला रांची की रहने वाली है. महिला ने गुमला एसपी को आवेदन सौंपकर घाघरा निवासी अपने पति आलोक कुमार व ससुराल वालों पर जान से मारने की धमकी देने का भी आरोप लगाया है.
पहले दुष्कर्म किया, फिर शादी, अब अपनाने से कर रहा इंकार
पीड़िता ने आवेदन में कहा है कि आरोपी आलोक ने उसके साथ वर्ष 2008 में दुष्कर्म किया. इसके बाद लंबे समय तक यौन शोषण करता रहा. इसके अलावा घर बनाने के नाम पर रुपये भी लिये. जिसके बाद पीड़िता द्वारा शादी की बात कहने पर टाल-मटोल करने लगा. 20 जून 2016 को फर्जी तरीके से आरोपी आलोक ने किसी अन्य महिला के साथ कोर्ट मैरेज कर लिया. जिसकी जानकारी पीड़िता को नहीं होने दी और पीड़िता का शोषण करता रहा.
पीड़िता का गर्भ ठहरने पर उसे दवा देकर गर्भपात करा दिया और मारपीट करने लगा. इस घटना के बाद पीड़िता ने चुटिया थाना में शिकायत दर्ज करायी. परंतु जेल जाने के डर से आरोपी ने पीड़िता के साथ रांची के जगरनाथ मंदिर में 16 अक्टूबर 2016 को विवाह कर लिया. परंतु शादी के बाद आलोक या उसके परिवार वालों ने उसे कभी भी अपने घर की बहू नहीं माना और जाति सूचक शब्द कहकर प्रताड़ित करने लगे.
जिसके बाद पीड़िता ने अपने पति व ससुराल वालों के खिलाफ घाघरा थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी. 27 जनवरी 2020 को गुमला कोर्ट में न्यायाल के द्वारा आलोक कुमार व ससुराल वालों को पीड़िता को ठीक से रखने के संबंध में शपथ-पत्र देकर घर ले जाने का सलाह दिया. लेकिन पीड़िता के पति व ससुराल वालों ने उसे कोर्ट परिसर में धमकी देते हुए जातिसूचक शब्द का प्रयोग कर कहने लगे कि मेरे घर की बहू बनने का सपना देखोगी तो, जान से मार देंगे.
इसके बाद पीड़िता के पति व ससुराल वाले उसे कोर्ट परिसर में छोड़ कर भाग गये. जिसके अगले दिन मंगलवार को पीड़िता ने गुमला एसपी को आवेदन सौंप कर न्याय की गुहार लगायी है.

