गुमला : बिशुनपुर थाना क्षेत्र के डीपाडीह करमटोली निवासी सुशील उरांव को दोहरे हत्याकांड के एक मामले में मंगलवार को एडीजे-छह राकेश कुमार मिश्रा की अदालत ने आजीवन करावास की सजा सुनायी है.
सुशील ने अपने भाई भोला उरांव व भाभी की हत्या की थी. आरोपी सुशील उरांव को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी और 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. जुर्माना की राशि नहीं देने पर दो साल अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ सकती है. इस मामले में सरकारी पक्ष की ओर से एपीपी मोहम्मद जावेद हुसैन ने पैरवी की. मामला 17 मई 2014 का है.
उस समय भोला उरांव अपने घर की छत से खपरा उतरवा रहा था. उसी दौरान भोला उरांव के छोटे भाई सुशील उरांव ने टांगी से वार कर दिया. भोला के चिल्लाने की अावाज सुन कर उसकी पत्नी बीच-बचाव करने गयी, तो उसकी भी टांगी से मार कर हत्या कर दी. इस संबंध में मृतक दंपती की बेटी सीता कुमारी ने बिशुनपुर थाना में अपने चाचा सुशील उरांव के खिलाफ दोहरे हत्याकांड की प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
प्राथमिकी में कहा गया था कि वर्ष 2011 में चाचा सुशील उरांव के बड़े बेटे कार्तिक उरांव की हत्या छोटे चाचा राजेंद्र उरांव ने कर दी थी. चाचा सुशील उरांव अपने बेटे की हत्या का शक उसके पिता पर करता था. जिस कारण उसने उसकी टांगी से मार कर हत्या कर दी.