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छिलका खाने से पिता-पुत्र की मौत

भरनो(गुमला) : भरनो प्रखंड की मारासिली पंचायत अंतर्गत महुगांव टंगराटोली गांव में छिलका (चावल की रोटी) खाने व चाय पीने से एक ही परिवार के दो लोगों की मौत हो गयी, जबकि तीन लोगों की स्थिति गंभीर हैं. तीनों को रांची रिम्स रेफर कर दिया गया है. घटना गुरुवार की देर रात की है. मृतकों […]

भरनो(गुमला) : भरनो प्रखंड की मारासिली पंचायत अंतर्गत महुगांव टंगराटोली गांव में छिलका (चावल की रोटी) खाने व चाय पीने से एक ही परिवार के दो लोगों की मौत हो गयी, जबकि तीन लोगों की स्थिति गंभीर हैं. तीनों को रांची रिम्स रेफर कर दिया गया है. घटना गुरुवार की देर रात की है. मृतकों में गोंदे उरांव (60 वर्ष) व उसका बेटा अर्जुन उरांव (12 वर्ष) शामिल हैं. वहीं गोंदे उरांव की पत्नी फुलमनी उराइन (55 वर्ष), बेटी एतवारी कुमारी (17 वर्ष) व बेटी सुकरो कुमारी (14 वर्ष) की हालत नाजुक है.

गुरुवार की रात को सभी लोगों ने चावल की रोटी व चाय पी थी. इसी दौरान शुक्रवार की अहले सुबह गोंदे व अर्जुन की मौत हो गयी, जबकि परिवार के तीन सदस्य बेहोश हो गये. घटना की सूचना पर शुक्रवार की सुबह थाना प्रभारी सिद्धेश्वर सिंह गांव पहुंचे. पहले घायलों को रांची रिम्स भेजवाया. इसके बाद पिता-पुत्र के शवों को पोस्टमार्टम के लिए गुमला सदर अस्पताल भेज दिया. पुलिस ने घर से रोटी बनाने के लिए पीसा हुआ चावल बरामद कर लिया है, जिसकी जांच की जा रही है.

गोंदे की पहली पत्नी की मृत्यु हो चुकी है : जानकारी के अनुसार, मृतक गोंदे उरांव की पहली पत्नी का निधन हो गया है. उससे तीन बच्चे हैं, जिसमें मृतक अर्जुन उरांव, घायल सुकरो कुमारी व घायल एतवारी कुमारी हैं. गोंदे ने पहली पत्नी के निधन के बाद शादीशुदा फुलमनी उराइन को दूसरी पत्नी के रूप में रखा था. फुलमनी के पहले से दो बेटे हैं. इनमें रंथु उरांव व चरवा उरांव हैं. रंथु व चरवा अपने ससुराल में रहते थे. चरवा उरांव ने बताया कि उसके पिता का नाम लुदरो उरांव है. लुदरो ने दूसरी शादी की, तो उसकी मां फुलमनी गोंदे के साथ पत्नी के रूप में रहने लगी.
क्या है मामला : बेटा रंथु उरांव व चरवा उरांव के अनुसार, गुरुवार की रात को गोंदे, फुलमनी, अर्जुन, एतवारी व सुकरो छिलका रोटी खाकर सोने चले गये. अहले सुबह गोंदे व अर्जुन की मौत हो गयी. वहीं छिलका खाने वाले अन्य तीनों लोग चिल्लाने लगे. आवाज सुन कर आस-पड़ोस के लोग पहुंचे. इसकी जानकारी दूसरे घर में रहने वाले रंथु व चरवा को दी. रंथु व चरवा मुखिया के घर गये, परंतु मुखिया ने दरवाजा नहीं खोला, तब उन्होंने किसी प्रकार अस्पताल को सूचना दी. अस्पताल से एंबुलेंस चालक सालोन बाड़ा पहुंचा और तीनों पीड़ितों को अस्पताल लाया, जहां से उन्हें रिम्स रेफर किया गया. रंथु उरांव अपनी पीड़ित मां व दो सौतेली बहनों को लेकर रांची रिम्स गया है.

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