गुमला : गुमला डीएलएसए व सीडब्ल्यूसी की पहल पर बिशुनपुर प्रखंड के कुजाम पीढ़ापाठ निवासी मंगरू असुर की 21 वर्षीया पुत्री 13 वर्ष बाद अपने घर लौटी. लड़की की उम्र जब आठ साल थी, तभी एक मानव तस्कर ने लड़की को दिल्ली ले जाकर बेच दिया था. दिल्ली में लड़की को कई घरों में काम करने के लिए बेचा गया. वर्तमान में लड़की को दिल्ली के विकास पुरी के प्रवीण मिश्रा के यहां काम पर लगाया गया था.
इसके बाद प्रवीण मिश्रा ने अपने किसी आदमी को लड़की के घरवालों का पता लगाने के लिए कहा था. उस दौरान उस आदमी ने झारखंड में संपर्क किया. किसी तरह गुमला डालसा को सूचना मिली. सूचना मिलते ही उसने दिल्ली के शक्तिवाहिनी व सीडब्ल्यूसी गुमला को जानकारी दी. इसके बाद लड़की के घर वालों का पता लगाया गया.
जिसके बाद पिता मंगरू असुर व भाई भीखराम असुर दिल्ली जाकर अपनी लड़की को वापस लाये. अपने परिजन को सामने देख लड़की की आंखे भर आयी. इस संबंध में लड़की ने बताया कि वह जब आठ साल की थी, उसी समय एक अज्ञात तस्कर उसे दिल्ली ले गया. इस दौरान वह अपने परिवार वालों की बहुत याद करती थी. लड़की को जहां काम कराया जाता था, वहां काम (मजदूरी) का पैसा नहीं दिया जाता था.