दुर्जय पासवान, गुमला
पालकोट थाना से करीब 25 किमी दूर दौरीबारी गांव के नव प्राथमिक विद्यालय से 20 फीट की दूरी पर लैंड माइंस बिछाने की सूचना पर तीन थाना की पुलिस परेशान रहे. यहां तक कि आधा दर्जन गांव के लोग भी लैंड माइंस को देखने दौरीबारी गांव पहुंच गये थे. सुबह 10 बजे से दिन के 3.30 बजे तक गुमला, रायडीह व पालकोट थाना की पुलिस परेशान रही.
बम निरोधक दस्ता को भी लैंड माइंस निष्क्रिय करने के लिए बुला लिया गया था. लेकिन दिन के तीन बजे अचानक पुलिस को पता चला कि यहां कोई लैंड माइंस बिछा हुआ नहीं है. बल्कि भूकंप मापने का यंत्र (सेंसर) गड्ढा खोदकर फीट किया गया है. यंत्र की सूचना के बाद पुलिस की परेशानी दूर हुई.
हालांकि पुलिस ने जांच के लिए गड्ढा खोदकर यंत्र को निकाला. पहले जांच की. उसके कागजात को देखा. इसके बाद तसल्ली मिलने के बाद राहत की सांस ली. गांव के लोगों को भी जब पता चला कि कोई लैंड माइंस नहीं है. तब ग्रामीण अपने-अपने घर लौट गये. गांव के संतु खड़िया ने बताया कि बीते रविवार की देर शाम को तीन गाड़ी में नौ से 10 लोग दौरीबारी गांव पहुंचे थे.
इसमें एक महिला भी थी. उनलोगों ने स्कूल के सामने गाड़ी रोकी. कुछ सामान निकाला. इसके बाद मेरे खेत में छह स्थानों पर उसे गाड़ दिया. साथ ही मुख्य बिंदु केंद्र पर एक बड़ा सा बैटरी भी फीट किया. जहां जहां गडढा खोदा गया था. वहां कुछ डालने के बाद उसे तार से जोड़ दिया. इसके बाद गांव के दो लोगों को ढाई-ढाई सौ रुपये देते हुए कहा कि इसकी देखभाल करना और चले गये.
दूसरे दिन वहां से बैटरी गायब हो गयी. धीरे-धीरे जब पूरे गांव के लोगों को पता चला कि स्कूल के सामने संतु के खेत में कुछ गाड़ा गया है. संभावना है कि बम है. इस आशंका पर लोगों ने शुक्रवार को गुमला पुलिस को सूचना दी. सूचना पर रायडीह थाना प्रभारी रविंद्र शर्मा, पालकोट के अतिरिक्त थाना प्रभारी आशुतोष कुमार सिंह, महिला एएसआई रीता साहू, एसआई राजेश कुमार सिंह, एसआई रामाकांत ओझा, रायडीह के एसआई नागमणि सिंह, अशोक कुमार दास पुलिस बल के साथ पहुंचे.
पुलिस भी बम की आशंका पर ग्रामीणों को वहां से दूर रहने के लिए कहा और इसकी सूचना वरीय अधिकारियों को देते हुए बम निरोधक दस्ता को भेजने की मांग की. मामला धीरे-धीरे आग की तरह फैल गयी. तभी पता चला कि राष्ट्रीय भूगौतिकीय अनुसंधान संस्थान हैदरबाद के वैज्ञानिक गांव आये थे. वे लोग कोलेंग पंचायत की मुखिया सुषमा केरकेट्टा को जानकारी देते हुए विद्युत क्षेत्र व चुंबकीय क्षेत्र मापने के लिए सेंसर लगाया है.
दस दिन के बाद इस सेंसर को यहां से हटाकर दूसरे स्थानों पर लगाया जायेगा. पुलिस टीम ने मुखिया व यंत्र लगाने वाली टीम को बुलाया. जांच पड़ताल के बाद पता चला कि बम नहीं है बल्कि यहां यंत्र लगाया गया है.