Advertisement
खुद की गोली से मारा गया था कृष्णा
गुमला : बसिया थाना के बोंडेकेरा होंजोर गांव के समीप खपरैल झोपड़ी में पीएलएफआइ के सबजोनल कमांडर कृष्णा गोप व झारखंड पुलिस के सअनि बबलू बेसरा के बीच काफी देर तक गुत्थम-गुत्थी हुई थी. कृष्णा ने बबलू पर गोली चलायी. लेकिन इसी गुत्थम-गुत्थी में कृष्णा द्वारा चलायी गयी गोली बबलू को न लगकर खुद कृष्णा […]
गुमला : बसिया थाना के बोंडेकेरा होंजोर गांव के समीप खपरैल झोपड़ी में पीएलएफआइ के सबजोनल कमांडर कृष्णा गोप व झारखंड पुलिस के सअनि बबलू बेसरा के बीच काफी देर तक गुत्थम-गुत्थी हुई थी. कृष्णा ने बबलू पर गोली चलायी. लेकिन इसी गुत्थम-गुत्थी में कृष्णा द्वारा चलायी गयी गोली बबलू को न लगकर खुद कृष्णा की कनपटी पर लग गयी. जिससे कृष्णा घटनास्थल पर ही मारा गया. जबकि उसके दूसरे साथी ओमप्रकाश पाठक को पुलिस के जवानों ने खदेड़ कर पकड़ा था.
पुलिस को यह भी पता नहीं था कि मारा गया कृष्णा पीएलएफआइ का सबजोनल कमांडर है. जब ओमप्रकाश पाठक से पूछताछ की गयी तो पता चला कि कृष्णा बड़ा उग्रवादी है. यह पूरी जानकारी सहायक अवर निरीक्षक बबलू बेसरा द्वारा मुठभेड़ के बाद थाने में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी से पता चला है. बबलू बेसरा ने दर्ज प्राथमिकी में जैसा कहा है. उसकी कॉपी प्रभात खबर के पास है. दर्ज प्राथमिकी में बबलू ने कहा है कि 13 सितंबर को तकनीकी शाखा में सूचना प्राप्त हुई कि पीएलएफआइ का कृष्णा गोप अपने साथियों के साथ बोंडेकेरा गांव में घूम रहा है.
वे लोग किसी घटना को अंजाम देने के फिराक में है. इस सूचना से एसपी अंशुमान कुमार को अवगत कराया गया. इसके बाद एसपी के आदेशानुसार सअनि बबलू बेसरा, पुलिस जवान संदीप टोप्पो, पवन कुमार यादव, राजेश कुम्हार, प्रकाश तिग्गा, विनय केरकेट्टा, पवन वीर महतो, वीरेंद्र यादव की टीम बनायी गयी. उग्रवादियों के भ्रमणशील होने की सूचना का सत्यापन थानेदार राजेंद्र रजक के सहयोग से किया गया. इसके बाद पुलिस टीम शाम चार बजे गुमला से बसिया पहुंची. कुछ घंटे थाना में रुकने के बाद रात आठ बजे पुलिस टीम सरकारी गाड़ी से महाराजगंज पहुंची.
फिर महाराजगंज से पैदल टीम बोंडेकेरा गांव गयी. रात 10 बजे पुलिस टीम बोंडेकेरा तेतरटोली गांव पहुंची और उग्रवादियों के संबंध में गुप्त रूप से जानकारी प्राप्त की. कुछ लोगों ने बताया कि कृष्णा गांव में ही घूम रहा है. रात को सुनील टोप्पो के खेत में बने झोपड़ी में सोने की संभावना है. सूचना को पुख्ता करते हुए टीम झोपड़ी से कुछ दूरी पर छिप कर उग्रवादियों के आने का इंतजार करने लगी. रात करीब 12 बजे झोपड़ी की ओर कुछ व्यक्ति मोबाइल जला कर जाते हुए दिखे. इसके बाद पुलिस टीम भी धीरे-धीरे झोपड़ी की ओर बढ़ने लगी. जैसे ही पुलिस टीम झोपड़ी के पास पहुंची.
एक व्यक्ति ने कहा कौन है. इसपर बबलू बेसरा ने कृष्णा गोप पर टॉर्च जलाया, तो देखा की कृष्णा अपने हाथ में पिस्तौल पकड़े हुए है. कृष्णा ने पिस्तौल बबलू बेसरा पर तान दिया. यह देख बबलू बेसरा व जवान संदीप टोप्पो दोनों अपनी आत्मरक्षा के लिए पिस्तौल ताने कृष्णा पर छलांग लगा दिया. इसके बाद उग्रवादी कृष्णा व पुलिस अधिकारी बबलू के बीच पटका-पटकी होने लगी. पटका-पटकी में ही कृष्णा ने गोली चला दी. लेकिन बबलू बेसरा ने उसके हाथ को झटक दिया. जिससे गोली खुद कृष्णा के कनपटी पर लगी और वह वहीं ढेर हो गया. जब झोपड़ी के पास पहुंचे थे तो उस समय कृष्णा का साथी ओमप्रकाश पाठक पुलिस को देख कर भागने लगा था.
जिसे खदेड़ कर पकड़ा गया था. घटनास्थल पर कृष्णा के शव के पास से दो पिस्तौल व ओमप्रकाश पाठक के पास से एक पिस्तौल मिला था. इसके बाद इस घटना की सूचना तुरंत थाना प्रभारी बसिया व वरीय पुलिस पदाधिकारियों को घटनास्थल से दी गयी. रात दो बजे के बाद गुमला से दंडाधिकारी अजय तिर्की पहुंचे. चूंकि उस समय अंधेरा था. इस कारण आगे की कार्रवाई के लिए सुबह होने का इंतजार करने लगे और घटनास्थल को पुलिस की निगरानी में सुरक्षित रखा गया.
14 सितंबर की सुबह होने पर दंडाधिकारी अजय तिर्की व स्वतंत्र गवाहों के समक्ष निरीक्षण किया गया. घटनास्थल से कुल तीन पिस्तौल, सात गोली जिसमें एक मिस फायर, चार मोबाइल, प्रत्येक मोबाइल में सिम कार्ड, एक गुलेल,10 मिट्टी का गोला, एक पावर बैंक, एक काला रंग का पर्स, पर्स में एक हजार रुपये बरामद किया गया.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement