बोआरीजोर प्रखंड के लौहंडिया बाजार, श्रीपुर बाजार, बोआरीजोर, राजाभीठा, ललमटिया सहित कई गांवों में रविवार को माताओं ने जीवित्पुत्रिका व्रत (जिउतिया) पूरे विधि-विधान से श्रद्धापूर्वक मनाया गया. इस अवसर पर महिलाओं ने अपने पुत्रों की दीर्घायु एवं हर संकट से रक्षा के लिए निर्जला उपवास रखा और भगवान की आराधना की. व्रती महिलाओं ने सुबह से ही पूजा की तैयारी में जुटकर घरों में डाला सजाया और संतान की कुशलता के लिए संकल्प लिया. शाम को सामूहिक रूप से मंदिरों और घरों में पूजा-अर्चना कर कथा श्रवण किया गया. पंडित अंकेश उपाध्याय ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार इस व्रत को करने से संतान की उम्र लंबी होती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है. यह व्रत महाभारत काल से जुड़ा हुआ है. उन्होंने बताया कि आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को महिलाएं यह व्रत करती हैं. इस दिन विशेष रूप से पुत्र रक्षण की कामना से माता भगवान के सामने श्रद्धा भाव से प्रसाद से भरा डाला अर्पित करती हैं. व्रत को लेकर पूरे क्षेत्र में भक्तिमय वातावरण बना रहा. महिलाओं की आस्था और संकल्प ने पारंपरिक पर्व को और भी दिव्यता प्रदान की.
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