बोआरीजोर प्रखंड क्षेत्र के राजाभिट्ठा गांव में इस वर्ष भी काली पूजा की तैयारी पूरे धार्मिक उत्साह और परंपरा के साथ की जा रही है. गांव के ग्रामीण और पूजा समिति के सदस्य एकजुट होकर पूजा को सफल बनाने की रणनीति में जुटे हैं. गांव के मुखिया सुखलाल सोरेन ने जानकारी देते हुए बताया कि करीब 70 वर्षों से मां काली के मंदिर में भव्य प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना की जाती है. इस अवसर पर दर्जनों गांवों के श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए मंदिर परिसर पहुंचते हैं और पूजा कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. पूजा के दौरान भव्य मेले का आयोजन भी होता है, जिसमें आसपास के ग्रामीण बड़ी संख्या में भाग लेते हैं. उन्होंने बताया कि पूर्वजों की मान्यता है कि मां काली अत्यंत शक्तिशाली हैं और सच्चे मन से प्रार्थना करने पर सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इस अवसर पर परंपरागत रूप से दर्जनों बकरों की बलि भी दी जाती है. खास बात यह है कि इस पूजा में गांव के सभी जाति और धर्म के लोग मिलकर सहयोग करते हैं, जिससे सामाजिक एकता का संदेश भी मिलता है. पूजा महोत्सव के तहत 19 अक्तूबर को हिंदी नाटक गरीबों का रावण तथा 20 अक्टूबर को संथाली ड्रामा का आयोजन किया जाएगा. वहीं मंदिर प्रांगण की सजावट, रंग-रोगन और मां की प्रतिमा निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है. कारीगर पूरी निष्ठा से काम में जुटे हुए हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो.
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