महागामा प्रखंड के कोयला गांव स्थित काली मंदिर परिसर में वर्षों से मंदिर, विद्यालय और ग्रामीणों के लिए पेयजल का एकमात्र स्रोत रहे सामुदायिक चापाकल पर स्कूल के लिए समरसेबल मोटर लगाये जाने से ग्रामीणों में नाराजगी व्याप्त है. ग्रामीणों ने बताया कि यह चापाकल लंबे समय से विद्यालय, मंदिर परिसर और आसपास के घरों के लोगों की जलापूर्ति का मुख्य साधन रहा है. लेकिन अब चापाकल को केवल विद्यालय तक सीमित कर दिया गया है, जिससे आम लोगों को पानी के लिए कई किलोमीटर दूर जाना पड़ रहा है. स्थानीय लोगों के अनुसार, चापाकल खराब होने पर महागामा बीडीओ के निर्देश पर स्कूल की जरूरत को देखते हुए समरसेबल मोटर लगायी गयी. हालांकि इससे स्कूल में जलापूर्ति बहाल हो गयी है, पर गांव के अन्य हिस्सों में पेयजल संकट गहराता जा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि दीपावली के अवसर पर काली मंदिर परिसर में विशाल मेला आयोजित होता है, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. ऐसी स्थिति में पेयजल की कमी मेले में आये श्रद्धालुओं व आमजन के लिए गंभीर समस्या बन सकती है. ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि इस चापाकल को पुनः सार्वजनिक उपयोग के लिए चालू किया जाये या वैकल्पिक पेयजल की व्यवस्था की जाये, ताकि गांव और मंदिर परिसर में लोगों को कोई असुविधा न हो.
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