गोड्डा सदर प्रखंड के निपनिया पंचायत अंतर्गत मौजा वारिस टांड़ के रैयतों ने मंगलवार को गोड्डा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे से मुलाकात कर उन्हें हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन सौंपा. ग्रामीणों ने ज्ञापन के माध्यम से जिंदल स्टील प्राइवेट लिमिटेड द्वारा अधिग्रहित की गयी जमीन से संबंधित अपनी समस्याएं और मांगें सांसद के समक्ष रखीं. ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 2015 में कंपनी ने पावर प्रोजेक्ट के लिए कम दर पर उनकी कृषि योग्य भूमि अधिग्रहित की थी. उस समय जिला निबंधन कार्यालय में कंपनी, रैयतों और उपायुक्त के बीच त्रिपक्षीय समझौता हुआ था. ग्रामीणों का कहना है कि अधिग्रहण के समय उन्हें उचित मुआवज़ा नहीं दिया गया और अब भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 के अनुसार, परियोजना कार्य शुरू न होने की स्थिति में पांच वर्ष बीतने के बाद भूमि वापस की जानी चाहिए. ग्रामीणों का यह भी कहना है कि अब तक परियोजना की कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है और इस बीच भूमि देने वाले कई रैयतों की मृत्यु हो चुकी है. उनके जीवित वारिस अब कंपनी को भूमि देने को तैयार नहीं हैं. ग्रामीणों ने स्पष्ट किया कि यदि कंपनी पावर उत्पादन कार्य शुरू करती है, तो उसे वर्तमान बाजार दर के अनुसार पुनः मुआवज़ा देना होगा. अन्यथा, वे अपनी जमीन पर फिर से खेती करने को विवश होंगे. इस अवसर पर रामकृष्ण महतो, श्याम सुंदर महतो, श्रवण कुमार महतो, मुकेश कुमार महतो, राजेश पाल, गौतम कुमार, उमा कांत महतो, राजीव कुमार, संजीव कुमार, मोहन महतो, तपेश महतो और सुनील गुप्ता सहित कई ग्रामीण मौजूद थे. सभी ने सांसद से इस मामले में आवश्यक पहल करने की मांग की.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

