अमौर पंचायत के लोगों की परेशानी बढ़ी
मेहरमा : मेहरमा प्रखंड के अमौर पंचायत में पेयजल को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. अमौर पंचायत के गांवों की स्थिति पानी को लेकर काफी खराब हो गयी है. सर्वाधिक परेशानी घोरी कित्ता गांव के लोगों को हो रही है. गांव के लोगों को पेयजल के लिये आधा किमी की दूरी तय कर पानी लाना पड़ रहा है.
गांव में कुल 15 चापानल लगा है. इनमें से लगभग सभी चापानल खराब हो चुका तो कुछ अब सूख गया है. चापानल के सूख जाने से ग्रामीण कुआं का सहारा लेते थे लेकिन कुआं भी सूख जाने से ग्रामीणों की समस्या और भी बढ़ गयी है. गांव वाले कोसों दूरी तय कर पीने के लिये पानी लाने को मजबूर हैं. पेयजल आपूर्ति विभाग के तरफ से इस दिशा में कोई पहल नहीं किये जाने से ग्रामीणों की समस्याएं बती जा रही है.
12 सौ की आबादी प्रभावित
गांव में करीब 12 सौ लोग रहते है. गांव के कुछ लोग तो स्वयं कराये बोरिंग के पानी से अपनी प्यास बुझा रहे हैं, मगर बाकी लोगों को पीने को पानी नहीं मिल रहा है. ग्रामीण अजीत तिवारी, पप्पू मिश्र, अजरुन रविदास, विमल शर्मा, संजय तिवारी, राजीव तिवारी ने बताया कि गरमी शुरू होते ही हर वर्ष गांव के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों ने बताया कि गरमी में पेयजल की समस्या को लेकर कई वर्षो से लगातार स्थानीय जनप्रतिनिधियों को जानकारी देते हुए बोरवेल की मांग कर रहे हैं लेकिन अब तक किसी ने भी ध्यान नहीं दिया. बताया गया कि इस बार चुनाव के दौरान गांव आने वाले विभिन्न दलों के लोगों को भी पानी की समस्या के बारे में जानकारी दी गयी लेकिन अभी तक किसी ने भी इस समस्या का हल नहीं निकाला.
क्या कहती हैं मुखिया
मुखिया आरती देवी का कहना है कि जब तक गांव में डीप बोरिंग की व्यवस्था नहीं की जायेगी गांव के लोगों को इस समस्या से निजात नहीं मिल पायेगा. बड़ा बजट है, इसके लिये विधायक की पहल आवश्यक है. उन्होंने कहा कि कुछ खराब चापानल को ठीक कराने की कोशिश कर रही हूं. कुछ को ठीक कराया गया है मगर जल स्तर कम रहने के कारण समस्या जस की तस बनी हुई है.