Giridih News : जमुआ के आंगनबाड़ी केंद्र, प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य कें में तीन माह से मातृत्व व बाल सुरक्षा कार्ड (एमसीपी कार्ड) नहीं है. यह कार्ड गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने और बच्चों के विकास की निगरानी के लिए या जाता है. यदि कोई महिला अपने पहले तीन महीने के दौरान अपने गर्भावस्था को पंजीकृत नहीं कराती है, तो भी उसे किसी भी समय एमसीपी कार्ड जारी कर दिया जाता है. एमसीपी कार्ड में गर्भावस्था और प्रसव के दौरान और बाद में आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जानकारी रहती है. कार्ड में बच्चों के विकास की निगरानी व उनके विकास के विभिन्न चरणों व विकास में देरी के संकेतों के बारे में जानकारी रहती है.
टीकाकरण व पोषण की मिलती है जानकारी
एमसीपी कार्ड में बच्चे को दिये जानेवाले टीकों की जानकारी दी जाती है, ताकि मां को यह पता रहे कि बच्चे को कब और कौन सा टीका लगवाना है. साथ ही गर्भावस्था और प्रसव के बाद में मां और बच्चे के पोषण और स्वास्थ्य संबंधी सलाह दी जाती है. इस महत्वपूर्ण कार्ड के नहीं मिलने से गर्भवती महिलाओं में आक्रोश है. तीन माह से मातृ सुरक्षा कार्ड है ही नहीं, तो कैसे सरकार की योजनाओं का लाभ कैसे मिलेगा यह बताने की स्थिति में कोई नहीं है. धानोटांड की गर्भवती महिला परवीन खातून, बिजोडीह की सुनीता देवी, मेदानीटांड़ की कहिया देवी, एकतारा की सबिता कुमारी आदि ने कहा कि उनलोगों का आज तक मातृ सुरक्षा कार्ड नहीं बना है. इस कारण मातृ सुरक्षा योजना के तहत मिलने वाले लाभ से वह वंचित हैं.क्या कहते हैं चिकित्सा प्रभारी : जमुआ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ कुलदीप तिर्की ने कहा कि मातृ सुरक्षा कार्ड नहीं रहने की उन्हें जानकारी नहीं है. इस संबंध में बीपीएम से जांच कराने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है .
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