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रूस में खायी जाएगी भारत की मछली, जल्द मिल सकता है 25 मछली पालन यूनिट्स को मंजूरी

Indian Fish: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारत पर करीब 50 प्रतिशत तक के भारी टैरिफ लगा दिए जाने के बाद झींगा निर्यात बुरी तरह से प्रभावित है. भारत अब न केवल झींगा के निर्यात के लिए विकल्प तलाश रहा है. इसी कड़ी में अपने पुराने दोस्त रूस के साथ एक समझौता होने जा रहा है, जिसके तहत रूस भारत में करीब 25 मछली पालन यूनिट्स खोलने की मंजूरी देगा. इस बात की जानकारी केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को संवाददाताओं से बातचीत के दौरान दी है.

Indian Fish: भारत की मछली रूस में खायी जाएगी, लेकिन मछलियों का पालन भारत में होगा. रूस भारत में करीब दो दर्जन से अधिक मछली पालन यूनिट्स को जल्द ही मंजूरी दे सकता है. केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि रूस भारत में करीब 25 मछली पालन यूनिट्स को मंजूरी देने की तैयारी में है. इससे ये यूनिट्स रूस मछली की आपूर्ति करने के लायक हो जाएंगी. हाल ही में, यूरोपीय यूनियन (ईयू) ने निर्यात के लिए भारत से 102 अतिरिक्त समुद्री उत्पाद इकाइयों को मंजूरी दी है.

झींगा के निर्यात के लिए कई देशों से बात कर रहा भारत

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने नई दिल्ली में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा, ‘‘रूस लगभग 25 मत्स्य प्रतिष्ठानों को भी मंजूरी देने की तैयारी में है.’’ उन्होंने कहा कि भारत अपने झींगा और मछली निर्यात में विविधता लाने के लिए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) सहित कई अन्य देशों के साथ बातचीत कर रहा है. रूस की ओर से मिलने वाली मंजूरी भारत के झींगा निर्यात में विविधता लाने के लिए भी महत्वपूर्ण है, जो अमेरिका की ओर से लगाए गए 50% के भारी टैरिफ से बुरी तरह प्रभावित है. बीते वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का झींगा निर्यात 4.88 अरब डॉलर का था, जो कुल समुद्री खाद्य निर्यात का 66% है.

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ईयू के साथ एफटीए पर भारत की बातचीत जारी

भारत और यूरोपीय यूनियन के बीच प्रस्तावित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) के लिए बातचीत की प्रगति के बारे में पूछे जाने पर पीयूष गोयल ने कहा, ‘‘मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले महीनों में हम यूरोपीय संघ के साथ एक समझौते पर पहुंच जाएंगे. हालांकि, यह इस बात पर निर्भर करता है कि कुछ अंतिम मुद्दों को सुलझा लिया जाए, जिन पर अभी बातचीत चल रही है.’’

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KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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