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Lalu Family Dispute Reason : बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम ने पूरे बिहार में तूफान ला दिया है. बीजेपी का सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरना, एनडीए का प्रचंड बहुमत (202 सीट पर विजय) प्राप्त करना और बिहार में अबतक सबसे बड़ी शक्ति मानी जाने वाली पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का दुर्गति होना. ये तमाम ऐसी बातें हैं, जिनकी खूब चर्चा हो रही है. बिहार विधानसभा चुनाव के बाद लालू परिवार में जिस तरह की फूट पड़ी है, वो चौंकाने वाली है. तेजप्रताप तो खैर पहले ही बागी होकर पार्टी से निकाले जा चुके थे, लेकिन रोहिणी आचार्य का बागी तेवर और जिस तरह के इल्जाम उन्होंने अपने भाई तेजस्वी यादव और उनके सलाहकारों संजय यादव और रमीज पर लगाएं है़ं, वो राजद के भविष्य को और धूमिल करने वाले हैं.
लालू परिवार
| सदस्य | संबंध | मुख्य जानकारी / परिचय |
|---|---|---|
| लालू प्रसाद यादव | पिता | राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री |
| राबड़ी देवी | माता | बिहार की पहली महिला मुख्यमंत्री |
| नाम | संबंध | मुख्य जानकारी |
|---|---|---|
| तेज प्रताप यादव | बेटा (बड़ा) | पूर्व स्वास्थ्य मंत्री, विधायक, राजनीति में सक्रिय |
| तेजस्वी यादव | बेटा (छोटा) | बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री, RJD नेता, CM उम्मीदवार |
| नाम | संबंध | मुख्य जानकारी |
|---|---|---|
| मीसा भारती | बड़ी बेटी | राज्यसभा सांसद |
| रोहिणी आचार्य | बेटी | सामाजिक कार्यकर्ता, राजनीति में सक्रिय भूमिका, पति समरेश सिंह |
| चंदा यादव | बेटी | निजी जीवन में, राजनीति से दूर, पति विक्रम सिंह |
| रागिनी यादव | बेटी | निजी जीवन में, राजनीति से दूर, पति राहुल यादव |
| हेमा यादव | बेटी | निजी जीवन में, राजनीति से दूर, पति विनीत यादव |
| अनुष्का यादव | बेटी | निजी जीवन में, राजनीति से दूर, पति चिरंजीवी राव |
| राजलक्ष्मी यादव | सबसे छोटी बेटी | समाजवादी पार्टी नेता तेज प्रताप सिंह की पत्नी |
रोहिणी आचार्य क्यों है नाराज?

रोहिणी आचार्य लालू यादव के नौ बच्चों में से दूसरे स्थान पर हैं. लालू यादव को किडनी देने वाली बेटी के रूप में भी रोहिणी की पहचान होती है. लालू यादव को किडणी देकर रोहिणी ने एक बहुत ही जिम्मेदार और प्यारी बेटी की छवि बना ली है. रोहिणी आचार्य यह चाहती थीं कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में उन्हें टिकट मिले, लेकिन तेजस्वी के नेतृत्व में यह संभव नहीं हुआ. रोहिणी आचार्य परिवार की तीसरी ऐसी सदस्य हैं, जो बागी हुई हैं. उनसे पहले तेजप्रताप यादव की पत्नी ऐश्वर्या राय, फिर तेजप्रताप और अब रोहिणी आचार्य परिवार के खिलाफ खुलकर सामने आई हैं. रोहिणी का यह मानना है कि राजद की आज जो दुर्गति हुई है, उसके लिए वही लोग जिम्मेदार हैं, जिन्होंने टिकट बंटवारे में मनमानी की. रोहिणी आचार्य परिवार और पार्टी में अपना हक चाहती है, लेकिन तेजस्वी यादव और उनके सलाहकार संजय यादव और रमीज उन्हें हक देना नहीं चाहते हैं. इन लोगों की कोशिश यह है कि परिवार और पार्टी पर तेजस्वी यादव का सिक्का चले. इस वजह से जब, अब पार्टी की बुरी तरह से हार हुई है, तो बेटियां यह चाहती हैं कि तेजस्वी हार की जिम्मेदारी ले, लेकिन वे ऐसा कर नहीं रहे हैं. इसी वजह से रोहिणी का गुस्सा फूटा है और उन्होंने सरेआम तेजस्वी यादव और उनके सलाहकारों पर हमला किया है.
कौन है संजय यादव?
संजय यादव तेजस्वी यादव के सलाहकार हैं और उनकी पहुंच इस तरह की है कि बिना तेजस्वी से संपर्क करना मुश्किल है. 41 वर्षीय संजय यादव कुछ समय के लिए लालू यादव के भी सलाहकार रहे थे. संजय यादव हरियाणा के रहने वाले हैं और उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय से कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री ली है. आईपीएल के जरिए तेजस्वी और संजय यादव की मुलाकात हुई और फिर दोनों के रिश्ते गहरे होते गए. 2012 में संजय यादव ने राजद की सदस्यता ले ली और आज के समय में वो फुलटाइम तेजस्वी के साथ ही हैं. संजय यादव की पकड़ पार्टी और परिवार दोनों पर बन गई है और वे लोगों को साइडलाइन करने में जुटे हैं, जो तेजस्वी के लिए खतरा बन सकते हैं. इसी वजह से तेजप्रताप यादव ने एक बार उन्हें एनआरआई कह दिया था, जिससे काफी विवाद भी हुआ था. अब रोहिणी आचार्य ने भी संजय यादव पर आरोप लगा दिया है. 2024 में राजद ने संजय यादव को राज्यसभा भेज दिया है, लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव में संजय यादव की भूमिका पर अगर गौर करें,तो वे सफल प्रतीत नहीं होते हैं.
कौन है रमीज जिसका नाम रोहिणी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट और बयानों में किया?
रमीज का पूरा नाम रमीज नेमत खान है. वह तेजस्वी के सबसे करीबी और पुराने दोस्तों में से एक है. रमीज तेजस्वी का क्रिकेटिया यार है, यानी दोनों साथ में क्रिकेट खेलते थे. रमीज का संबंध उत्तर प्रदेश के बलरामपुर से है. वह बलरामपुर के पूर्व सांसद रिजवान जहीर खान का दामाद है. आज के समय में रमीज, तेजस्वी का बायां हाथ माना जाता है और उनके सारे प्रोग्राम और पर नजर रखता है. पार्टी के निर्णय पर भी उसका स्पष्ट प्रभाव है. रमीज को लालू यादव के परिवार की बेटियां और तेजप्रताप यादव बिलकुल भी पसंद नहीं करते हैं.
लालू परिवार में क्यों बढ़ रहा विवाद?

लालू यादव बिहार की राजनीति में बहुत ताकतवर नाम रहे हैं. अब जबकि वे 77 वर्ष के हो चुके हैं और चारा घोटाला मामले में दोषी ठहारए जा चुके हैं, उन्होंने अपनी पार्टी की सारी जिम्मेदारी अपने छोटे बेटे तेजस्वी यादव को सौंप दी है. लालू यादव को अपने बड़े बेटे तेजप्रताप से ज्यादा तेजस्वी पर भरोसा है. हालांकि लालू के उत्तराधिकार पर उनकी बड़ी बेटी मीसा भारती पहले भी हक जमा चुकी हैं और अब रोहिणी भी खुलकर सामने आई हैं. रोहिणी से पहले तेजप्रताप यादव जो प्रदेश की नीतीश सरकार में पर्यावरण मंत्री भी रह चुके हैं, उन्होंने भी तेजस्वी के खिलाफ बयानबाजी की है. मीसा भारती और तेजस्वी यादव के बीच भी झगड़ों की खबरें लगातार सामने आती रहती है. यानी कुल मिलाकर झगड़ा इस बात को लेकर है कि लालू यादव की राजनीतिक विरासत का हकदार कौन होगा. लालू यादव ने एक तरह से तेजस्वी यादव को ही अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है, लेकिन बेटियां पार्टी में अपना हक चाहती हैं. वे सांसद, विधायक और मंत्री पद की दावेदार हैं. साथ ही लालू यादव की करोड़ों की संपत्ति में भी बेटियों को अपना हक चाहिए, जिसपर शायद तेजस्वी अपना एकाधिकार जमाना चाहते हैं, जिसकी वजह से बात बिगड़ गई है.
प्रभात खबर के पाॅलिटिकल एडिटर मिथिलेश कुमार कहते हैं कि तेजस्वी और उसके सलाह पार्टी और परिवार पर कब्जा जमाना चाहते हैं, जबकि लालू यादव की बेटियां अपने पिता की विरासत में हिस्सा चाहती हैं. आज राजद में जो कुछ हो रहा है उसके लिए यही बात जिम्मेदार है. रोहिणी आचार्य को तेजस्वी ने टिकट नहीं दिया और पार्टी को बुरी तरह से हार मिली है, ऐसे में बेटियों का गुस्सा फूटा है. हालांकि यह गुस्सा एक दिन का नहीं है, परिवार में काफी समय से विवाद चल रहा होगा, जो अब सामने आ गया है. तेजस्वी यादव ने जिस तरह परिवार की बेटियों और बेटे के साथ व्यवहार किया है, उससे एक गलत संदेश बिहार में जा रहा है. इसकी वजह यह है कि बिहार में परिवार को आदर्श माना जाता है, जहां यह उम्मीद की जाति है कि बहू-बेटियों के अधिकारों की रक्षा होगी. यह तो बात हुई सामाजिक, लेकिन परिवार में जो कुछ चल रहा है उसका राजनीति प्रभाव भी देखने को मिलेगा.
कौन था जयचंद जिसकी तुलना संजय यादव और रमीज से हो रही है?
जयचंद इतिहास का एक ऐसा किरदार है, जिसे विश्वासघाती के रूप में चित्रित किया जाता है. जयचंद, गाहड़वाल वंश का राजा था, जिसने 12वीं सदी में कन्नौज पर शासन किया. उसके बारे में यह कहा जाता है कि उसने पृथ्वीराज चौहान की हत्या करने और उसे परास्त करने में अहम भूमिका निभाई थी. उसने राजपूतों की कमियों के बारे में मोहम्मद गोरी को सूचनाएं दी थीं. पृथ्वीराज रासो के अनुसार संयोगिता इसी जयचंद की बेटी थी, हालांकि इतिहासकार इस बात को नहीं मानते हैं.
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