Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य को उनके समय के सबसे ज्ञानी और बुद्धिमान पुरुष के तौर पर भी जाना जाता है. आचार्य चाणक्य की अगर बात करें तो वे एक महान शिक्षक, पॉलिटिशियन और विचारक भी थे. अपने जीवनकाल के दौरान आचार्य चाणक्य ने कई तरह की नीतियों की रचना की थी जो आज के समय में भी हमें सही रास्ता दिखाने का काम करती हैं. अपनी नीतियों में आचार्य चाणक्य ने कुछ ऐसी गलतियों का भी जिक्र किया है जो हर एक बुद्धिमान से बुद्धिमान व्यक्ति अपने जीवन में जरूर करता है. आचार्य चाणक्य कहते हैं ये कुछ ऐसी गलतियां है जिन्हें अगर समय रहते सुधारा न जाए तो आगे चलकर ये आपके जीवन को बुरी तरह से प्रभावित कर सकती है. आज इस आर्टिकल में हम आपको इन्हीं गलतियों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं.
समय को हल्के में लेना
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि समय से बड़ा और कोई धन नहीं है. यह बात सभी को पता होती है लेकिन फिर भी कुछ बुद्धिमान लोग समय का सही से इस्तेमाल नहीं करता हैं और इसे बर्बाद करते रहते हैं. उन्हें लगता है वे कोई भी काम को बाद के लिए टालकर उसे बाद में भी कर सकते हैं. देखते ही देखते यह आदत टालमटोल में बदल जाती है और हाथों से हर अवसर निकलता चला जाता है. कई बार ऐसा होता है कि हम काम को बाद के लिए टाल देते हैं और इस वजह से हमारे पास समय बचता ही नहीं है. ऐसा होने से सिर्फ काम पर इसका असर काम पर ही नहीं पड़ता बल्कि यह तनाव और असफलता का भी कारण बनता है.
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गलत लोगों पर भरोसा कर लेना
आचार्य चाणक्य के अनुसार किसी भी इंसान की अगर कोई सबसे बड़ी कोई गलती हो सकती तो वह है उसके इमोशंस. कई बार ऐसा होता है कि एक बुद्धिमान व्यक्ति भी सामने वाले की मीठी बातों में आ जाता है या फिर उसकी चापलूसी का शिकार हो जाता है और इनपर भरोसा करने लगता है. यही भरोसा आगे चलकर धोखे, नुकसान और अपमान का कारण बन जाता है. आचार्य चाणक्य कहते हैं अगर आप किसी पर भी भरोसा कर रहे हैं तो पहले उसके स्वभाव और चरित्र को अच्छे से जान लें. चाणक्य के अनुसार गलत व्यक्ति पर भरोसा करना खुद के ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा होता है.
इमोशंस में में बहकर फैसला लेना
आचार्य चाणक्य के अनुसार गुस्सा, प्यार, लालच और दुख जैसे इमोशंस किसी भी व्यक्ति के सोचने और समझने की काबिलियत को खत्म कर देते हैं. कई बार तो ऐसा भी होता है कि बुद्धिमान व्यक्ति भी अपने इमोशंस में बहकर गलत फैसले ले लेता है. आचार्य चाणक्य के अनुसार आपके जो भी इमोशंस हैं वे अस्थायी होते हैं. ऐसे में अगर आप इमोशंस में बहकर फैसला ले लेते हैं तो जीवन में आगे चलकर इसका काफी बुरा असर आपके जीवन पर पड़ता है. अगर आप कोई भी फैसला लेने जा रहे हैं तो पहले अपने दिल और दिमाग को शांत कर लें.
अपनी कमियों को छिपाना
आचार्य चाणक्य कहते हैं कई बार एक बुद्धिमान व्यक्ति भी अपनी कमजोरियों को स्वीकार नहीं करना चाहता है. उन्हें ऐसा लगता है कि दूसरों के सामने अपनी कमी को रखना कमजोरी की निशानी है. आचार्य चाणक्य के अनुसार अपनी कमियों को छिपाना ज्यादा खतरनाक हो सकता है. आचार्य चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति अपनी कमजोरी को पहचानता है, वही उसे सुधारने की दिशा में कदम भी उठा सकता है. लेकिन, जो उसे छिपाता है वह न तो आगे बढ़ पाता है और न ही अपनी क्षमता का पूरा इस्तेमाल कर पाता है.
Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर इसकी पुष्टि नहीं करता है.

